- फिर चरम पर पहुंचा समीर की लॉटरी का कारोबार, धनबाद में बाबर, सोनू, अकबर संभाल रहे कारोबार
- यात्री बैठे ऑटो में टिकट लोड कर चिन्हित स्थानों में होती है सप्लाई, शुक्रवार या शनिवार को ही मिल जाती है पूरे सप्ताह भर की टिकटें
- समीर की स्कार्पियो का चालक लेता है हॉकरों से भुगतान, फिलहाल समीर का सबसे भरोसेमंद हाथ
Rizwan Shams
Dhanbad : कुख्यात लॉटरी के अवैध कारोबारी समीर अहमद ने पुलिस की सख्ती के बाद न सिर्फ कारोबार का तरीका बल्कि अपना ठिकाना भी बदल लिया है. फिलहाल धनबाद में फ्लैट लेकर रह रहा है और यहीं से कारोबार की डीलिंग कर रहा है. धनबाद में अब उसके ब्रांड की लॉटरी ऑटो से सप्लाई की जा रही हे. इस ऑटो में कुछ फर्जी पैसेंजर भी बैठे रहते हैं ताकि पुलिस को लगे की यात्री हैं. ऑटो चालक ही समीर के हॉकरों को फोन कर बता देता है कि लॉटरी को कहां पहुंचना है, इसके बाद फिर पूरे सप्ताह की लॉटरी दे दी जाती है. यह काम शुक्रवार या शनिवार को किया जाता है. इन दो दिनों में ही पूरे सप्ताह की लॉटरी की टिकट हॉकरों को बांट दी जाती है. इसके बाद लॉटरी टिकट की बिक्री का भुगतान लेने के लिए कई लोग हैं, जो समीर के खास बंदे हैं. इनमें उसके काले रंग की स्कार्पियो वाला चालक भी शामिल है. स्कार्पियो चालक के हाथ में भुगतान होता है, क्योंकि वह चालक समीर का सबसे भरोसेमंद आदमी बन गया है. धनबाद में लॉटरी की सप्लाई और भुगतान लेने में बाबर, सोनू, अकबर आदि प्रमुख हैं. ये लोग धनबाद शहर की कमान संभाल रहे हैं.
ये है समीर का ब्रांड
धनबाद में समीर अहमद की लॉटरी का आधा दर्जन ब्रांड बेचा व खरीदा जा रहा है. सभी लॉटरी बंगाल की डुप्लिकेट टिकट छपवाकर बेची जाती है. इसी को लेकर भौंरा ओपी में प्राथमिकी भी दर्ज हुई है. डियार गोदावरी के बीएस-1, बीएस-3, बीएस-6 और बीएस-7 ब्रांड की लॉटरी समीर की बतायी जा रही है. ये सभी ब्रांड धनबाद में खूब बिक रहे हैं. बता दें कि लॉटरी कारोबारी समीर का न सिर्फ धनबाद जिले बल्कि झारखंड के कई जिलों बड़े पैमाने पर कारोबार फैला हुआ है, यहां तक कि बंगाल के भी कई इलाकों में उसकी लॉटरी बेची जाती है.
पकड़ा गये तीन, जेल गये दो !
हाल ही में भौंरा रेलवे क्वार्टर में पुलिस ने छापेमारी की थी और समीर के ब्रांड की लॉटरी की टिकट बरामद हुई थी. इस मामले में पुलिस ने रेलकर्मी रवि और विवेकानंद को जेल भेजा था. इस मामले में चर्चा ये फैली हुई है कि यहां छापेमारी के दौरान तीन लोगों को दबोचा गया था. हालांकि इनमें से एक को छोड़ दिया गया, चर्चे के मुताबिक भागने वाला ये व्यक्ति समीर का बेहद खास था और उसका नाम अजीत है. अजीत के भागने या छोड़े जाने के पीछे कई बातें चर्चे में हैं. ये भी कहा जा रहा है कि लोकल पुलिस भी समीर से सुविधा शुल्क ले रही थी, इस कारण मरव्वत की गई है. बता दें कि इस छापेमारी में समीर के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज हुई थी. प्राथमिकी में एक अज्ञात व्यक्ति के भागे जाने की बात कही गई है.
निरसा में आनंद साव के ठिकानों पर छापा, सात गिरफ्तार
अवैध लॉटरी के कारोबार को लेकर शुभम संदेश लगातार आवाज उठाता रहा है. पिछले कुछ महीनों से शुभम संदेश में इससे संबंधित रिपोर्ट छापी गयी है. जिसके बाद पुलिस की सक्रियता बढ़ी है और वह लगातार छापेमारी कर रही है. इसी क्रम में एसएसपी एचपी जनार्दनन की स्पेशल टीम ने निरसा में लॉटरी के किंग माने जाने वाले आनंद साव के ठिकानों पर रविवार की देर शाम दबिश दी थी. निरसा के भालजोरिया स्थित मकान और गोदाम में एसओजी टीम ने छापेमारी कर कुख्यात आनंद साव के सात कर्मियों को गिरफ्तार किया. इनके पास से भारी मात्रा में अवैध लॉटरी के टिकट भी बरामद किये गये. बताया जा रहा है कि एक बैग में लॉटरी का टिकट और दूसरे में पैसा था. हालांकि पुलिस की तरफ से कैश बरामद होने की पुष्टि नहीं की गयी. बता दें कि आनंद साव जीटी रोड का कुख्यात लॉटरी कारोबारी है. कई सालों से लगातार लॉटरी का अवैध कारोबार कर काफी रुपये और संपत्ति खड़ा कर चुका है. पुलिस को उसकी तलाश थी. सटिक सूचना के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है और उसके बड़े नेटवर्क को तोड़ने का प्रयास किया गया है.
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