- दुमका से हटा कर भेजा गया विद्युत निरीक्षणालय कार्यालय
Ranchi : शुभम संदेश में छपी खबर का इंपैक्ट हुआ है. उर्जा विभाग के दागी इंजीनियर अजय कुमार सिंह को अंतत: हटा दिया गया. इन्हें दुमका विद्युत कार्य अवर प्रमंडल से हटाकर प्रभारी सहायक विद्युत निरीक्षक, विद्युत निरीक्षणालय भेज दिया गया है. इसको लेकर उर्जा विभाग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी. मालूम हो कि शुभम संदेश ने 8 जुलाई को ‘घूस लेते धराए जेई को प्रोन्नत कर बनाया सहायक अभियता, सौंपा 12.90 करोड़ के काम का जिम्मा’ खबर प्रकाशित किया था. खबर में बताया गया था कि उर्जा विभाग के जेई अजय कुमार सिंह जो रिश्वत लेने के आरोपी हैं, उन्हें एसीबी ने रिश्वत लेते हुए दबोचा था. ये तीन महीने तक जेल में भी रहे थे. बाद में बेल पर रिहा हुए, लेकिनआरोप मुक्त नहीं हुए हैं. इसके बाद भी इन्हें निलंबन मुक्त कर दिया. इन पर अफसरों ने मेहरबानी करते हुए जेई से सहायक विद्युत अभियंता के पद पर अपने ही वेतनमान में विद्युत कार्य अवर प्रमंडल, दुमका में पदस्थापित कर दिया था. यहां तक कि उन्हें श्रावणी मेला सहित दुमका क्षेत्र के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों का जिम्मा दे दिया गया, जो 12.90 करोड़ रुपये का था
धनबाद में जेई और रांची में सहायक विद्युत अभियंता के प्रभार में थे
विद्युत कार्य प्रमंडल धनबाद के तहत अवर प्रमंडल कार्यालय में अजय कुमार सिंह (कोटि अनुसूचित जनजाति) में एक जूनियर विद्युत इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे. इस दौरान वे विद्युत कार्य प्रमंडल रांची में सहायक विद्युत अभियंता के प्रभार में भी थे. उस समय निगरानी विभाग (एसीबी) द्वारा इन्हें रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा गया था. इसके बाद तीन महीने जेल में रहे. बेल पर बाहर आए. मामला अभी भी चल रहा है. वे लगातार अदालती कायज्ञॉर्वाही में शामिल हो रहे हैं.
विद्युत कार्य विभाग कर्मचारी संघ ने उठो थे सवाल
झारखंड राज्य विद्युत कार्य विभाग कर्मचारी संघ ने इसकी शिकायत मुख्य अभियंता सह मुख्य विद्युत निरीक्षक से की थी. संघ ने कहा कि अजय कुमार सिंह अभी न्यायालय से दोषमुक्त नहीं हुए हैं. जहां पर एकल पद होता है, वैसी परिस्थिति में ही अपने वेतनमान में पदास्थापित किया जा सकता है. विभाग में कनीय विद्युत अभियंता का कोई पद आवंटित नहीं है. कनीय अभिंयता के रूप में पदस्थापित न कर सीधे सहायक विद्युत अभियंता का प्रभार देकर पदस्थापित करना नियम विरूद्ध है.
नियम विरुद्ध किया निलंबन मुक्त
कोई भी अधिकारी जब तक सक्षम न्यायालय से आरोप मुक्त नहीं हो जाते हैं, तब तक न तो उन्हें निलंबन मुक्त किया जा सकता है और न हीं कोई अहम जिम्मेवारी दी सकती है. इसके बाद भी अजय कुमार सिंह को निलंबत मुक्त करना, फिर वरीय पद पर पदस्थापित करते हुए करोड़ों के काम की जवाबदेही देना नियम विरूद्ध है.
मुख्य अभियंता हैं जिम्मेवार
ननगजटेड अफसर की स्थापना कमेटी के अध्यक्ष मुख्य अभियंता होते हैं. जबकि गजटेड अफसर के लिए अध्यक्ष विभागीय सचिव होते हैं. इसलिए इनके निलंबन मुक्त होने, सहायक विद्युत अभियंता के पद पर पोस्टिंग और 12 करोड़ से अधिक के काम का जिम्मा देने के लिए सीधे तौर पर मुख्य अभियंता जिम्मेवार हैं.
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