- नौवीं-दसवीं के विद्यार्थियों का कराते हैं पंजीयन, सीबीएसई बोर्ड को दिखाते हैं छात्रों की बड़ी संख्या
- विद्यार्थी भी हो रहे दिग्भ्रमित, पढ़ाई कहीं से, फॉर्म भराए जाते हैं कहीं और से
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : हजारीबाग में कई प्राइवेट स्कूलों का खेल इस कदर चल रहा है कि विद्यार्थी भी दिग्भ्रमित हो जा रहे हैं. दरअसल विद्यार्थी पढ़ते किसी स्कूल में हैं और नौवीं-दसवीं का रजिस्ट्रेशन किसी और स्कूल से कराया जाता है. उससे भी बड़ा खेल यह चल रहा है कि एक स्कूल का रजिस्ट्रेशन कराया जाता है और उसी नाम से कई ब्रांच संचालित कर दिए जाते हैं. यह पूरा खेल सीबीएसई बोर्ड को छात्रों की बड़ी संख्या दिखाने के लिए किया जाता है. विद्यार्थियों को नामांकन के वक्त यह बताया जाता है कि 12वीं तक उनकी पढ़ाई यहीं से होगी. आठवीं कक्षा पास करने के बाद पढ़ाई उसी स्कूल में होती है, लेकिन उनका नाम और रजिस्ट्रेशन किसी अन्य ब्रांच में होता है. आठवीं कक्षा तक के स्कूल यू-डायस पर चलाए जाते हैं. वास्तव में उस स्कूल का रजिस्ट्रेशन नहीं रहता है. वह अपने टायअप वाले स्कूलों से बच्चों का फॉर्म भरवाते हैं. कई स्कूल ऐसे हैं, जिनका ब्रांच हजारीबाग शहर में होता है. इन स्कूलों को सीबीएसई और जैक से मान्यता प्राप्त है. लेकिन उसी स्कूल के नाम से संचालित अन्य शाखाओं को मान्यता नहीं रहती है. लेकिन उन स्कूलों से यह बताया जाता है कि सीबीएसई और जैक से मान्यता प्राप्त स्कूल से वह टायअप है.
केस-1 : हजारीबाग के कुम्हारटोली स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर को सीबीएसई और जैक से मान्यता मिली है. लेकिन इसी स्कूल के नाम से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में कई शाखाएं चल रही हैं. वह स्कूल सिर्फ यू-डायस के माध्यम से चल रहा है. वहीं बच्चों का नामांकन दसवीं कक्षा तक लिया जाता है. उन बच्चों का रजिस्ट्रेशन कहां से होता है, यह जांच का विषय है.
क्या कहते हैं प्राचार्य
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर कुम्हारटोली के प्राचार्य दिनेश मिश्र कहते हैं कि हजारीबाग शहर में इस स्कूल के नाम से कुल चार शाखाएं है. इनमें दो स्कूलों को मान्यता प्राप्त है. वहीं अन्य दो स्कूलों में यू-डायस के माध्यम से एक पांचवीं और दूसरा आठवीं कक्षा तक संचालित है. अन्य स्कूल कहां से रजिस्ट्रेशन कराते हैं, उसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
केस-2 : जैक एंड जिल स्कूल की भी दो शाखाएं चलती है. एक बड़ा बाजार और दूसरा सिंघानी में स्कूल संचालित है. मुख्य रूप से सिंघानी में स्कूल चलता है, जो सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है. बड़ा बाजार में आठवीं कक्षा तक बच्चे पढ़ते हैं. वहीं सिंघानी में प्लस टू तक की पढ़ाई होती है.
बोले सचिव-एक ही स्कूल से होता है रजिस्ट्रेशन
जैक एंड जिल स्कूल के सचिव मिथिलेश का कहना है कि एक ही स्कूल सिंघानी से रजिस्ट्रेशन होता है. वह सीबीएसई से मान्यता प्राप्त है. अभी 2023-24 के लिए करीब 160 बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ है.
केस-3 : डीएवी पब्लिक स्कूल के नाम भी कई शाखाएं संचालित है. हजारीबाग में ही मेन ब्रांच कनहरी रोड के अलावा यूकोलिप्टा, टाटीझरिया, कटकमसांडी और चौपारण में स्कूल डीएवी के नाम से ही संचालित है. वह भी हजारीबाग ब्रांच से टाइअप दिखाकर छात्रों को गुमराह कर रहे हैं.
एक ही नाम से स्कूल चलाना गलत : उपाध्यक्ष
हजारीबाग डीएवी पब्लिक स्कूल प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष दिनेश खंडेलवाल ने कहा कि एक ही नाम से स्कूल चलाना गलत है. उन्हें भी इस बात की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि गुमराह करनेवाले स्कूल संचालकों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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