झरिया : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बॉम्बे की एक टीम ने टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क के फाउंडेशन द्वारा कराई गई कार्बन रिमूवल प्रतियोगिता में भारत का नाम रोशन किया है. टीम ने एक ऐसी तकनीक विकसित करने के लिए मिलियन डॉलर की कीमत हासिल की है जो वातावरण से कार्बन को हटा सकती है. आईआईटी बॉम्बे के चार छात्रों और दो शिक्षकों ने सीओपी-26 में सस्टेनेबल इनोवेशन फोरम में मॉडर्न टेक्निक के लिए लगभग एक करोड़ 85 लाख का इनाम जीता है. इस टीम में झरिया के शुभम कुमार शामिल हैं. शुभम, झरिया के मानबाद निवासी रमेश केशरी के पुत्र हैं और फ़िलहाल आइआइटी बांबे में जूनियर रिसर्च फेलो हैं. उन्होंने दसवीं की परीक्षा किड्स गार्डेन झरिया से, वहीं बारहवीं राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर से प्राप्त की है. उसके बाद शुभम से हल्दिया इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की. तत्पश्चात, दो वर्षों तक नौकरी की. इसके उपरांत भाभा एटॉमिक एंड रिसर्च सेंटर की फेलोशिप प्राप्त करने में सफल रहे. मीडिया से बातचीत के दौरान शुभम ने बताया कि, “पुरस्कार की धनराशि आइआइटी बांबे को मिलेगी”. इस पैसे से आगे के रिसर्च सुचारू रूप से होंगे. शुभम लोगों से कम से कम प्लास्टिक के उपयोग करने की अपील की है. उन्होंने कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए हर व्यक्ति को अपना योगदान देने को कहा है. एलोन मस्क फाउंडेशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में श्रीनाथ अय्यर और उनकी टीम को ढाई लाख डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 85 लाख रुपये के इनाम से नवाजा गया है. श्रीनाथ अय्यर (पीएचडी छात्र), अन्वेषा बनर्जी (पीएचडी छात्र), सृष्टि भामरे (बीटेक + एमटेक) और शुभम कुमार (जूनियर रिसर्च फेलो-अर्थ साइंस) भारत की एकमात्र टीम है, जिन्होंने पुरस्कार जीता है.
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