Ranchi : रांची के बरियातू-बूटी रोड की एक संपत्ति को लेकर दो भाई आमने-सामने हैं. प्रो अशोक कुमार शुक्ला ने आरोप लगाया है कि उनके छोटे भाई डॉ अरुण कुमार शुक्ला उनका हिस्सा हड़पना चाहते हैं. प्रो अशोक का आरोप है कि उनके भाई ने न्यायालय में पार्टीशन सूट लंबित रहने के बावजूद गलत ढंग से पूरी 10.69 डिसमिल जमीन की जमाबंदी अपने नाम करा ली. उन्होंने इसके खिलाफ डीसीएलआर के यहां अपील की. इसके बाद डीसीएलआर ने जमीन की जमाबंदी रद्द कर दी. अशोक शुक्ला ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर कहा है कि उनके भाई रसूखवाले हैं और इस जमीन को बेचने का प्रयास कर रहे हैं. आपराधिक तत्व उन्हें घर खाली करने की धमकी रहे हैं. उन्होंने जानमाल की सुरक्षा की मांग की है. इधर डॉ अरुण कुमार शुक्ला ने कहा है कि उक्त जमीन पैतृक संपत्ति है. इसमें उनकी दो बहनों ने अपना हिस्सा स्वेच्छा से उनके नाम लिख दिया है. बड़े भाई अशोक कुमार शुक्ला के हिस्से पर उन्होंने (डॉ अरुण शुक्ला) ने कोई दावा नहीं किया है. इस बीच शांति भंग होने की आशंका के मद्देनजर एसडीओ ने उक्त भूखंड पर धारा 107 लगा दी है.
सीएम साहब माफिया-अपराधी करते हैं तंग, संकट से बचायें -प्रो शुक्ला
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में प्रो अशोक कुमार शुक्ला ने कहा है कि वह पिछले 60 वर्ष से बूटी रोड स्थित खाता संख्या 170, वार्ड नं-21 होल्डिंग नंबर 196, प्लॉट नंबर 548 स्थित पैतृक भवन में सपरिवार रह रहे हैं. लेकिन उनके भाई डॉ अरुण कुमार शुक्ला, जो जेलहाता मेदिनीनगर में रहते हैं, ने पूरी 10.69 डिसमिल पैतृक संपत्ति का दाखिल-खारिज अपने नाम करा लिया. प्रो अशोक कुमार शुक्ला ने कहा है कि पिछले पांच साल से उनके छोटे भाई जमीन माफिया और आपराधिक छवि वाले लोगों के माध्यम बनाकर उनके हिस्से की संपत्ति को बेचने का प्रयास कर रहे हैं. उन्हें धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देकर मुख्यमंत्री ने इस संकट से निजात दिलाने का अनुरोध किया है.
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सीएम सचिवालय के निर्देश पर हुई जांच, रांची एसडीओ ने लगाया 107
प्रो शुक्ला की शिकायत पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने रांची के एसएसपी से 15 दिन में कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा. एसएसपी के निर्देश पर स्थानीय थाना ने जांच की और वहां टकराव तथा शांति भंग होने की आशंका जताते हुए धारा 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की. इसके बाद एसडीओ ने उक्त संपत्ति पर धारा 107 लगाते हुए डॉ अरुण कुमार शुक्ला को एक वर्ष तक वहां शांति बनाये रखने का निर्देश दिया है.
हमारी पैतृक संपत्ति को हड़पना चाहते हैं चाचा – राहुल शुक्ला
प्रो अशोक कुमार शुक्ला के पुत्र राहुल कुमार ने लगातार न्यूज को बताया कि उनके चाचा डॉ अरुण कुमार शुक्ला पैतृक संपत्ति को हड़पना चाहते हैं. कोर्ट में पार्टीशन सूट लंबित है. फिर भी वह मेरे पिता प्रोफेसर अशोक कुमार शुक्ला के हिस्से की भूमि को गलत दस्तावेज के सहारे हथियाना चाह रहे हैं. गलत ढंग से कराया गया, म्यूटेशन एलआरडीसी ने रद्द कर दिया है.
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आरोप निराधार, वे अपना हिस्सा कहां चाहते हैं बता दें- डॉ अरुण शुक्ला
इस बारे में संपर्क किये जाने पर डॉ अरुण कुमार शुक्ला ने कहा कि जिस जमीन का एलआरडीसी ने म्यूटेशन रद्द किया है, वह हमारी पैतृक प्रॉपर्टी है. इसके छह हिस्सेदार हैं, मैंने भूखंड की आधी भूमि के म्यूटेशन के लिए आवेदन किया था. दो बहनें भी अपना हिस्सा मुझे दे चुकी हैं. इस भूखंड पर हमारे बड़े भाई प्रोफेसर अशोक कुमार शुक्ला के बेटे राहुल शुक्ला कब्जा करना चाहते हैं. पूर्व में भी पैतृक प्रॉपर्टी को हमारे बड़े भाई अपने नाम करा चुके हैं. मैं डाल्टनगंज में रहता हूं. इस पैतृक संपत्ति को लेकर मुझ पर मेरे बड़े भाई के पुत्र ने कई निराधार आरोप लगाये हैं. बड़े भाई जिस तरफ अपना हिस्सा रखना चाहते हैं, बता दें. जहां तक अपराधियों को भेजने की बात है, उनके घर में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. ऐसा कोई प्रमाण है, तो सामने रखें.
THE VERSION OF DR. ARUN KUMAR SHUKLA IS MISLEADING ON THE FOLLOWING GROUNDS:
A. Dr. Arun Kumar Shukla has presented forged papers while getting the land mutated in his name.
The property mentioned in the Sale Deed presented by him for the purpose of Mutation neither reflects the undivided family property, or the family members.
The schedule of property in the aforesaid Sale Deed pertains to entirely different Circle Office, Revenue Thana, Khata Number, Survey Number and Area of sale.
So a Deed of Sale Mauza: Naudhi; Circle Office: Tamar has become the basis of mutation of a property in Mauza: Mohrabadi, Circle Office: Badgai.
The Purchaser and Seller in the aforementioned Deed of Sale are Khedan Puran & Karni Devi, who have no relation to the family of Dr. Arun Shukla.
B. Dr. Arun Kumar Shukla has committed another fraud in presenting his case for Mutation.
The title of the undivided family property under reference, has four (4) equal successors.
Dr. Arun Kumar Shukla has converted the share of these four (4) successors into three (3) successors and appropriated the share of the fourth successor.
C. Dr. Arun Kumar Shukla has mislead the authorities with regards to the nature of the existing family property
The property under dispute is UNDIVIDED FAMILY PROPERTY WHICH INCLUDES THE FAMILY RESIDENCE.
A Partition Suit for proper division & demarcation of the same among all 7 successors is sub judice in a Partition Suit.
Dr. Arun Kumar Shukla has claimed possession over 10.69 Decimals out of a total bounded area of 14.45 Decimals while not having any presence on the property.
THAT INSTEAD OF DISCUSSING THE REAL REASON FOR DISPUTE, DR. ARUN KUMAR SHUKLA IS ATTEMPTING TO CLOUD THE ROOT CAUSE WITH IRRELEVANT & BASELESS DIVERSIONS.