तृणमूल कांग्रेस ने अमीर पार्टियों को अनुचित लाभ होने का दावा करते हुए, सात चरणों में चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर निराशा व्यक्त की
NewDelhi : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में सात चरणों में लोकसभा चुनाव होने से यह बात साबित होती है कि निर्वाचन आयोग सरकार का एक अंग है. सिब्बल ने दो निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की नियुक्ति पर भी सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि उन्हें इस तथ्य के बावजूद नियुक्त किया गया कि संविधान पीठ के फैसले में कहा गया है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को भी उस समिति का सदस्य होना चाहिए जो नियुक्तियों के नामों की सिफारिश करती है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
VIDEO STORY | 7-phase election in West Bengal proves EC is ‘long arm of govt’, says Kapil Sibal
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— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2024
संविधान पीठ के फैसले में कहा गया है कि सीजेआई को भी समिति का सदस्य होना चाहिए
उन्होंने आज रविवार को पीटीआई वीडियो को बताया, जहां तक सात चरणों (देश में लोकसभा चुनाव) का सवाल है, इसकी उम्मीद थी. सिब्बल ने आरोप लगाया, वास्तव में जिस तरह से उन्होंने इन दोनों निर्वाचन आयुक्तों को इस तथ्य के बावजूद नियुक्त किया कि संविधान पीठ के फैसले में कहा गया है कि सीजेआई को भी समिति का सदस्य होना चाहिए. जिस तरह से उन्होंने उच्चतम न्यायालय में चुनौती लंबित होने के बावजूद संविधान पीठ के फैसले को खारिज कर दिया और जिस तरह से उन्होंने नियुक्ति को आगे बढ़ाया, उससे यही पता चलता है कि उनकी मंशा वहां अपने लोगों को रखने की थी.
सभी विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाये, वे प्रचार नहीं कर सकें
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे और उसके बाद 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को विभिन्न चरण में मतदान किया जायेगा. तीन राज्यों- बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश- में सभी सातों चरणों में मतदान होगा. तृणमूल कांग्रेस ने अमीर पार्टियों को अनुचित लाभ होने का दावा करते हुए, सात चरणों में चुनाव कराने के निर्वाचन आयोग के फैसले पर निराशा व्यक्त की थी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के समन और बीआरएस नेता के कविता की गिरफ्तारी के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि इस सरकार का पूरा इरादा यह सुनिश्चित करना है कि सभी विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाये ताकि वे प्रचार नहीं कर सकें.
इस सरकार के प्रति ईडी की वफादारी अटूट है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की प्रशंसा पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार के प्रति अपनी अटूट निष्ठा के लिए ईडी की प्रशंसा करनी चाहिए. सिब्बल ने कहा, मुझे कहना होगा कि इस सरकार के प्रति ईडी की वफादारी अटूट है और वास्तव में इसकी सराहना की जानी चाहिए. चुनावी बॉन्ड मामले पर राज्यसभा सदस्य ने कहा कि तथ्य इस देश के लोगों के सामने हैं. उन्होंने कहा, आप किसी व्यक्ति पर छापा मारते हैं, किसी व्यक्ति के खिलाफ ईडी की कार्यवाही शुरू करते हैं, कुछ महीनों के भीतर वह चुनावी बॉन्ड खरीदता है और उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी को देता है. सिब्बल ने कहा, वे संविधान के विपरीत देश चला रहे हैं. तो आइए देखें कि अदालतें क्या करती हैं.