LagatarDesk : रूस-यूक्रेन वार का इफेक्ट भारत की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है. रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटा दिया है. एजेंसी ने ग्रोथ रेट अनुमान को 7 से 7.2 फीसदी कर दिया है. जो पहले 7.6 फीसदी था. रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अनिश्चितताएं बढ़ी है. जिससे कंज्यूमर के सेंटीमेंट्स बिगड़े हैं. सेंटीमेंट्स खराब होने से मांग पर भी असर पड़ा है. जिसकी वजह से इंडिया रेटिंग ने जीडीपी ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा दिया है.
कच्चे तेल के दाम तीन तिमाही तक उच्च स्तर पर रहने का अनुमान
इंडिया रेटिंग्स ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि युद्ध को लेकर अनिश्चितता की स्थिति के कारण कच्चे तेल की कीमते तीन महीने तक ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगर कच्चे तेल के दाम दो तिमाही तक उच्च स्तर पर रहते हैं तो जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रह सकती है. यदि कीमतें इस अवधि के बाद भी ऊंचे स्तर पर रहती हैं तो जीडीपी ग्रोथ रेट 7 प्रतिशत पर आ सकती है.
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त्यौहार के दौरान बढ़ेगी मांग, गैर-जरूरी वस्तुओं पर होगा कम खर्च
रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में उपभोक्ता मांग कमजोर रही है. हालांकि त्यौहारों के दौरान दैनिक उपभोग की वस्तुओं की मांग बढ़ी थी. लेकिन बढ़ती महंगाई को देखते हुए लोग गैर-जरूरी वस्तुओं पर खर्च में कमी करेंगे. रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि निजी उपभोग पर खर्च 9.4 फीसदी से घटकर 8.1 और 8 फीसदी रह सकता है.
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फिच ने भी घटाया था जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान
बता दें कि इंडिया रेटिंग एजेंसी से पहले फिच ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को घटा दिया था. एजेंसी ने ग्रोथ रेट अनुमान को 10.3 फीसदी से घटाकर 8.5 फीसदी कर दिया था. इतना ही नहीं फिच ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान को 8.1 फीसदी से बढ़ाकर 8.7 फीसदी कर दिया था.
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