Ranchi : फिरायालाल पब्लिक स्कूल का सिल्वर जुबली सह वार्षिक महोत्सव मनाया गया. इस वार्षिक महोत्सव का नाम अभिव्यक्ति रखा गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जस्टिस अंबुज नाथ शामिल रहे. इनके अलावा बायजूस के सीईओ अर्जुन मोहन, आईआईएम रांची के डायरेक्टर प्रो. दीपक कुमार, आरके कॉलेज रायपुर के प्रिंसिपल लेफ्टिनेंट कर्नल अविनाश सिंह, विद्यालय के संस्थापक हरीश मुंजाल, शिक्षा निर्देशिका सुषमा मुंजाल, प्रिंसिपल नीरज कुमार सिन्हा, विद्यालय प्रबंधन समिति के पदाधिकारी और सदस्य समेत शामिल रहे.
नारी सशक्तीकरण को नृत्य के जरिये दिखाया
सिल्वर जुबली वार्षिक महोत्सव पर स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. जिसमें नारी सशक्तीकरण व प्रतिभा को नृत्य के जरिये दिखाया गया. बच्चों ने इस कार्यक्रम में संदेश दिया की नारी कभी भी कमजोर नहीं थी और आज भी कमजोर नहीं है. नारी हमेशा से मजबूत है और अपनी शक्तियों को बस पहचाना है. इस कार्यक्रम में स्कूल की छात्र-छात्राओं गार्जियन व शिक्षक शामिल रहे.
फीचर फिल्म स्क्रीन पर किया गया प्ले
सिल्वर जुबली महोत्सव सिल्वर मिलस्टोन गोल्डन फ्यूचर नामक फीचर फिल्म स्क्रीन पर प्ले किया. जिसमें स्कूल के बच्चों ने वर्षों की सफलता को लेकर बनाया है. इस फीचर फिल्म में स्कूल की स्थापना से लेकर अबतक की गतिविधियों के साथ एलुमिनाई की सफलताओं के बारे में विस्तार से बताया. काफी टेबल बुक का विमोचन भी किया गया, जिसमें स्कूल के 25 वर्षों की कहानियां किस्से और यादों को फोटोग्राफ और समाचार पत्रों की एक संग्रह है, जिसे एलुमिनाई स्टूडेंट देखकर अपनी पुराने दिनों को याद करने लगे. कार्यक्रम के दौरान 15 वर्ष से अधिक समय तक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक व कर्मचारियों को भी सम्मानित किया.
रांची में क्वालिटी एजुकेशन के कई सारे संस्थान हैं: अंबुज नाथ
झारखंड हाईकोर्ट के जज अंबुज नाथ ने कहा कि सिल्वर जुबली मनाया जा रहा है. मैं समझ सकता हूं कि यहां उपस्थित लोग इसके गवाह है. आप लोगों से मिलकर अच्छा लग रहा है. यहां पर उपस्थित सारे बच्चे देश का भविष्य है. रांची में क्वालिटी एजुकेशन के अनेको संस्थान है. सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के शैक्षणिक व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर भी अच्छे हैं. आज के समय में क्वालिटी एजुकेशन की जरूरत है. क्वालिटी एजुकेशन से ही बच्चों का गोल्डन फ्यूचर बनेगा. क्वालिटी एजुकेशन केवल फ्यूचर को बढ़िया करने के लिए नहीं बल्कि एक अच्छा इंसान बनने के लिए भी जरूरी है. इसमें सभी का कॉन्ट्रिब्यूशन जरूरी है. मैं दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री में ग्रेजुएशन की है. उन्होंने विदेश की कई विश्वविद्यालय के बारे में भी जिक्र किया, जहां पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दिया जाता है. मेरे पैरेंट्स से आग्रह है कि बच्चों के सपनों को पूरा करने दे वह जो फील्ड की पढ़ाई करना चाहते है उन्हें करने दिया जाए.
आत्मविश्वास हो तो हर मंजिल को पा सकते
प्रिंसिपल नीरज कुमार सिन्हा ने कहा कि यहां कई स्कूल के प्रिंसिपल मौजूद है, जो भारत के भविष्य का निर्माण करते हैं. आज के इस कार्यक्रम के साक्षी स्कूल से निकले हुए पूर्ववर्ती छात्र भी है. मैं सभी का धन्यवाद करता हूं. शिक्षा क्लासरूम असेसमेंट नहीं है. आज के दौर मैं समय बदल चुका है शिक्षक भी अपग्रेड हो रहे हैं. सीखने का समय कभी भी खत्म नहीं होता है. हमारे अंदर आत्मविश्वास हो तो हम हर मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं. आज हमारे स्कूल का 25वां सालगिरह है आज तक का सफर तय करने में स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थियों का योगदान रहा है.