साल 1991 के लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक 37 प्रत्याशियों ने लड़ा था चुनाव, 1971 में मात्र चार प्रत्याशी थे चुनावी मैदान में
Ashish Tagore
Latehar: झारखंड गठन से पूर्व चतरा संसदीय क्षेत्र को देश का सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र के रूप में जाना जाता था. प्रारंभ में चतरा संसदीय क्षेत्र में अविभाजित बिहार के बाराचट्टी, फतेहपुर व इमामगंज विधानसभा क्षेत्र भी शामिल थे. साल 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ. इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में चतरा संसदीय क्षेत्र का नये सिरे से परिसीमन किया गया. नये परिसीमन में बिहार के इन तीनों विधानसभा क्षेत्रो को चतरा संसदीय क्षेत्र से हटा दिया गया और हजारीबाग के सिमरिया और लातेहार के मनिका विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया. इससे पहले मनिका विधानसभा क्षेत्र के मतदाता लोहरदगा संसदीय क्षेत्र का सांसद चुनते थे. वर्तमान में चतरा संसदीय क्षेत्र में पलामू का पांकी, चतरा, सिमरिया, मनिका और लातेहार विधानसभा क्षेत्र हैं. उपलब्ध आंकडों के अनुसार साल 1971 से अब तक चतरा संसदीय क्षेत्र से कुल 221 प्रत्याशियों ने अपना किस्मत आजमाया था.
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1991 के आम चुनाव में चतरा से थे सर्वाधिक 37 प्रत्याशी
चतरा संसदीय सीट से वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक 37 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. इनमें से 26 प्रत्याशियों ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था. चुनाव में जनता दल के उपेंद्र नाथ वर्मा ने भाजपा के धीरेंद्र अग्रवाल को हराया था. जबकि चतरा संसदीय क्षेत्र से 1971 में मात्र चार प्रत्याशियों ने ही भाग लिया था. इनमें कांग्रेस के शंकर दयाल सिंह, जनता पार्टी के विजय राजे, संयुक्त सोशल पार्टी (एसएसपी) के विश्वनाथ मोदी व निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्र नाथ शर्मा शामिल थे. शंकर दयाल सिंह ने जनता पार्टी के विजय राजे को हराया था. आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 1977 में पांच, 1980 में 12, 1984 में 13, 1889 में 14, 1996 में 33, 1998 में 14, 1999 में 14, 2004 में 16, 2009 में 11, 2014 में 21 और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चतरा संसदीय क्षेत्र से 27 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाया था.
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चतरा के अब तक सांसद
चतरा संसदीय क्षेत्र में वर्ष 1957, 1962 व 1967 के लोकसभा चुनाव में विजया राजे चुनाव जीत कर दिल्ली पहुंची. उन्होने पहली बार छोटानागपुर संथाल परगना जनता पार्टी से चुनाव लड़ा. जबकि शेष दो उन्होने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की. 1971 में कांग्रेस के शंकर दयाल सिंह, 1977 में जनता पार्टी के सुखदेव प्रसाद वर्मा, 1980 में कांग्रेस आई के रणजीत सिंह, 1984 में कांग्रेस के योगेश्वर प्रसाद योगेश, 1989 व 1991 में जनता दल के उपेंद्र नाथ वर्मा, 1996 व 1998 में भाजपा के धीरेंद्र अग्रवाल, 1999 में राजद के धीरेंद्र अग्रवाल, 2004 में राजद के धीरेंद्र अग्रवाल, 2009 में निर्दलीय इंदर सिंह नामधारी और 2014 व 2019 में भाजपा के सुनील सिंह चुनाव जीत कर संसद पहुंच चुके हैं.