मातहतों में चर्चा सरेआम कभी सरकारी ऑफिस, तो कभी होटल व फ्लैट में भी खूब होता है तामझाम
Amarnath Pathak
Hazaribagh : पिछले कुछ दिनों से शिक्षा विभाग के एक ऑफिसर की सिंदूरी शाम कुछ शिक्षकों के साथ लगातार सज रही है. यह सिंदूरी शाम छलकते जाम के साथ रात के अंधेरे में तब्दील हो जाती है. छलकते जाम की यह महफिल हजारीबाग के सिंदूर स्थित एक होटल में करीब हर दिन सजती है. प्रत्यक्षदर्शी चुटकी लेते हैं कि ‘मीत मिलन’ के लिए इससे बेहतर प्रेमागाह और कोई नहीं. अगर कोई नहीं रहा, तो सरकारी ऑफिस, तो कभी झील मार्ग स्थित फ्लैट में भी यह सब तामझाम चलता रहता है. यह शाम तब और भी रंगीन हो जाती है, जब दो-तीन बालाएं और मोहतरमा भी उस महफिल की रौनक बन जाती हैं. झंडा चौक स्थित एक बाला को एक प्रशिक्षण संस्थान में रखवा कर वह ऑफिसर उसे उपकृत भी कर चुके हैं. दरअसल उस प्रशिक्षण संस्थान के एक पार्टनर शिक्षक हैं और ऑफिसर की रंगीन शाम में शामिल भी रहते हैं. ऐसे में ऑफिसर की बात को मान उस बाला को अपने प्रशिक्षण संस्थान में नौकरी भी दे दी. महफिल में दो-तीन सहायक अध्यापक और कुछ साधनसेवी से फर्जी सर्टिफिकेट पर शारीरिक शिक्षक बने सरकारी अध्यापक भी शामिल रहते हैं. ऐसे शिक्षक इस भ्रम में उस महफिल में शामिल होते हैं कि कहीं उनके फर्जी सर्टिफिकेट के कारनामे की पोल न खुल जाए, तो ऑफिसर के इर्द-गिर्द रहने से उनका रक्षाकवच को भेदनेवाला कोई नहीं रहेगा. ऑफिसर की इन रंगीनियों की चर्चा खुद उनके ऑफिस में तो है ही, हाल ही में एक सरकारी दफ्तर से उनके विदा होने के बाद वहां के कर्मी भी इस वाक्ये पर चुस्की लेते नजर आते हैं. दो मोहतरमा तो खुद ऑफिसर के विभाग के ही बताए जाते हैं. अब उनकी मजबूरी हो या शौक, यह तो दोनों मोहतरमा ही बता सकती हैं, लेकिन छलकते जाम के साथ रंगीनियों में गुजरती इस शाम की चर्चा विभाग में सरेआम हो रही है.