Sindri : बलियापुर प्रखंड के पहाड़पुर गांव में सादगी पूर्वक खेला चंडी मेला का आयोजन किया गया. इस अवसर पर अपनी मन्नत पूरी होने पर विभिन्न गांवों से श्रद्धालु पहुंचे और रीति रिवाज के अनुसार तालाब से मिट्टी खोदकर फेंकी. फिर तालाब से दंडवत करते हुए पूजा स्थल पहुंचे और नारियल, बतासा, मिट्टी के घोड़े, अगरबती आदि सामग्री से पूजा-अर्चना की. मेले में श्रद्धालुओं व अन्य लोगों ने झारखंडी नृत्य नटुआ और झुमर का भरपूर आनंद लिया.
बताते चलें कि झारखंड के कृषक समुदायों के बीच मकर संक्रांति को साल का अंतिम दिन माना जाता है. माघ महीने के पहले दिन को हाल पुनइहा करके आखाइन परब तथा आदिवासी कुड़मी समुदाय द्वारा इस दिन को नववर्ष के रूप में मनाया जाता है. नये साल के आगमन और फसलों के घर आने की खुशी में विभिन्न प्रकार का मेला व पर्व त्योहारों का आयोजन किया जाता है और महीने भर विभिन्न गांवों के पहाड़ों, जंगलों, और नदियों पर देवी देवताओं का पूजन किया जाता है.
इस अवसर पर महावीर महतो, सिदाम केटियार, अर्जुन महतो, हीरू चरण महतो, प्रदीप महतो, स्वपन कुमार महतो, विश्वजीत महतो, दुर्गा महतो, शंकर महतो, शत्रुघ्न महतो, पंकज महतो, किशोर महतो, गोलोक महतो, रामेश्वर महतो, बिपोती महतो, नारायण महतो, हिरन महतो, राखाल महतो, युधिष्ठिर कोड़ा, निवारण महतो, सुबल मरांडी, राधु महतो, सागर महतो आदि मौजूद थे.
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