Jamshedpur : झारखंड सरकार की ओर से फिर से मंडी टैक्स लगाए जाने के कयासों के बीच गुरुवार को सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को रांची जांकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री को राजस्व बढ़ाने के लिए मंडी टैक्स की बजाय अन्य स्रोत अपनाने का सुझाव दिया.
बाजार समिति शुल्क लगा तो राजस्व की चोरी बढ़ेगी: मुनका
सिंहभूम चैंबर ऑफ कामर्स के उपाध्यक्ष (ट्रेड) विजय आनंद मुनका ने बताया कि बाजार समिति शुल्क पुनः लगाए जाने से सरकार को राजस्व निःसंदेह मिलेगा लेकिन इससे राजस्व की चोरी भी होगी. बाजार समिति शुल्क लगाने से पहले की तरह भ्रष्टाचार का बोलबाला हो जाएगा. सरकार के पास साधनों की कमी के कारण बाजार समिति के बाहर व्यापार रोकना संभव नहीं है. ऐसे में बाजार समिति का व्यापार खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार बाजार समिति के व्यापारियों को अपनी दुकानों के ऊपर घर या कार्यालय बनाने की अनुमति प्रदान करे. खाली पड़ी जमीन पर दुकानें, वेयरहाउस, कोल्डस्टोर इत्यादि बनाये. किसानों का माल बाजार समिति में आये ऐसा प्रयास करे. जिससे राजस्व की बढ़ोतरी हो सके. प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री से मांग की कि बाजार समिति की कमिटी में चैम्बर के एक प्रतिनिधि को सदस्य के रूप में रखा जाय. जिससे व्यापारियों के सुझाव एवं सलाह सरकार तक पहुंचे.
मंत्री ने कहा, बाजार समिति शुल्क लगाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं
उन्होंने बताया कि कृषि मंत्री को परसूडीह बाजार समिति में व्याप्त समस्याओं से भी अवगत कराया तथा जल्द समाधान की मांग की. कृिष मंत्री ने व्यापारियों को आश्वस्त किया कि सरकार ने अभी बाजार समिति शुल्क लगाने का कोई निर्णय नहीं लिया है. लेकिन बाजार समिति के विकास के कार्य के लिए राजस्व की आवश्यकता है, जिसे अन्य माध्यमों से जुटाया जाएगा. प्रतिनिधिमंडलम में चैम्बर के सचिव सत्यनारायण अग्रवाल मुन्ना, व्यापार मंडल के महासचिव करण ओझा, अजय अग्रवाल सहित अन्य शामिल थे.