- रेसिडेंशियल यूज के 20 एकड़ प्लॉट के होंगे छोटे-छोटे टुकड़े
- व्यक्तिगत यूज के लिए 5 से 10 डिलमिल प्लॉट दिये जाएंगे
- इस बार ऑक्शन नहीं लॉटरी से होगा प्लॉट्स का आवंटन
- संशोधन के बाद कैबिनेट में लाया जाएगा नया मास्टर प्लान
- 5 से 10 डिसमिल के होंगे इंडिविजुअल प्लॉट
Ranchi: रांची स्मार्ट सिटी में अपना आशियाना बनाने का जिन लोगों ने सपना देखा था, उनका सपना जल्द पूरा होने वाला है. जी हां! रांची स्मार्ट सिटी का मास्टर प्लान बदल रहा है. अब आपको भी यहां जमीन मिलेगी, जिसपर आप आपने मुताबिक कंस्ट्रक्शन करवा सकते हैं. रेसिडेंशियल यूज के लिए चिन्हित 20 एकड़ प्लॉट के छोटे-छोटे टुकड़े करने प्रक्रिया चल रही है. रांची स्मार्ट सिटी में 80 एकड़ जमीन रेसिडेंशियल प्लॉट के रूप में चिन्हित है. इसमें से 25 फीसदी यानी 20 एकड़ प्लॉट को 5-5 और 10-10 डिसमिल के प्लॉट में काटा जाएगा. स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लैंड अलॉटमेंट रूल्स के तहत लोगों को प्लॉट आवंटित करेगा. पदाधिकारियों के मुताबिक, व्यक्तिगत यूज के लिए प्लॉट का आवंटन ऑक्शन से नहीं बल्कि लॉटरी से होगा. स्मार्ट सिटी में इंडिविजुअल यूज के लिए सस्ते दरों पर ही जमीन उपलब्ध कराया जाएगा. बताया जा रहा है कि जमीन की कीमत 8 से 10 लाख रुपये प्रति डिलमिल हो सकती है. हालांकि अभी रेट फाइनल नहीं किया गया है.
ऑक्शन और आवंटन के नियम भी होंगे सरल
मास्टर प्लान में संशोधन कर व्यवसायिक, एजुकेशनल और मिक्स यूज के प्लॉट आवंटन के नियम को भी सरल किया जाएगा. साथ ही इनके भी प्लॉट्स छोटे किए जाएंगे. दरअसल, स्मार्ट सिटी के एक प्लॉट पर ऑक्शन के लिए के लिए कम से कम तीन बीडर्स का होना जरूरी है. अगर एक भी बीडर कम हुए तो प्लॉट का आक्शन नहीं होता है. तीन चरण में हुए ई-ऑक्शन में इसी कारण कई प्लॉट की बोली नहीं लग पाई. उधर, व्यवसायिक और एजुकेशनल प्लॉट के साइज बड़े होने के कारण निवेशकों ने यहां इन्वेस्ट करने से मना कर दिया. नए मास्टर प्लान में इन सभी चीजों का ध्यान रखा गया है. जल्द ही मास्टर प्लान का प्रारूप फाइनल कर कैबिनेट से स्वीकृत कराया जाएगा.
एडीबी एरिया में 12 में से 4 परियोजनाएं कंप्लीट
रांची स्मार्ट सिटी के 656 एकड़ एडीबी एरिया में कुल 12 परियोजनाओं पर काम होना है. इनमें से 4 परियोजनाएं पूरी तरह कंप्लीट हो चुकी हैं. 8 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. वहीं स्मार्ट सिटी एडीबी एरिया में इंटीग्रेटेड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवपलमेंट का काम अंतिम चरण में है. तीन चरणों के ई-ऑक्शन में 51 में से 11 प्लॉट्स की नीलामी हो चुकी है, जिसमें 6 आवासीय, 3 मिक्स यूज और 2 संस्थागत प्लॉट हैं. अबतक की नीलामी से स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन को 421 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुए हैं.
स्मार्ट सिटी के पुराने मास्टर प्लान में बदलाव की जरूरत क्यों
रांची स्मार्ट सिटी को एजुकेशन हब बनाने की योजना बनी थी. पिछले मास्टर प्लान में विश्व के टॉप 500 शिक्षण संस्थानों को 1 रुपये की टोकन मनी पर जमीन देने की घोषणा थी, लेकिन 3 बार के ऑक्शन में एक भी बड़ा शिक्षण संस्थान नहीं पहुंचा. वहीं रांची, दिल्ली, मुंबई समेत कई जगहों पर स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन ने इन्वेस्टर्स मीट भी आयोजित किया. इन्वेस्टर्स को बताया गया कि स्मार्ट सिटी में एजुकेशन हब के लिए 58.97 एकड़ के 9 प्लॉट चिह्नित हैं. यानी औसतन 6.5 एकड़ के 9 प्लॉट हैं. बाहर के निवेशक इससे प्रभावित नहीं हुए, वहीं झारखंड के निवेशकों ने कहा कि वे प्लॉट तो लेना चाहते हैं, लेकिन इतने बड़े नहीं. 2 से 3 एकड़ तक के प्लॉट वे ले सकते हैं. वहीं पुराने मास्टर प्लान में होटल के लिए 5-5 एकड़ के प्लॉट थे. कीमत 13.24 करोड़ रु. प्रति एकड़ थी. इतना बड़ा प्लॉट होने के कारण एक भी निवेशक होटल खोलने नहीं आया. वहीं 16 कॉमर्शियल प्लॉट भी चिन्हित थे. यह 6, 7 और 12 एकड़ तक के साइज में थे, जबकि इन्वेस्टर्स डेढ़ से 2 एकड़ का प्लॉट चाहते हैं. नये मास्टर प्लान में इन सब बातों का ध्यान रखा गया है.