Ranchi: झारखंड में स्मार्ट मीटर लगाने की चर्चा पिछले तीन साल से चल रही है. बिजली उपभोक्ता इसका लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. मौजूदा हालत यह है कि अभी तक मामला कागज और टेंडर प्रक्रिया पर अटका हुआ है. विद्युत नियामक आयोग में टैरिफ पीटिशन पर सुनवाई के दौरान भी मीटर लगाने का मामला उठा था. हर वर्ष झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) टैरिफ बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव के समय राज्य में हर बिजली उपभोक्ता को मीटर उपलब्ध कराने का आश्वासन देता है और यह आश्वासन ही रह जाता है.
100 फीसदी मीटरिंग का लक्ष्य अधूरा
एक ओर बगैर मीटर के बिजली उपभोक्ताओं की फौज खड़ी है. जिससे JBVNL को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है. दूसरी ओर JBVNL का स्मार्ट मीटर लगाने की योजना भी लटकती जा रही है. एक साल की कवायद के बाद स्मार्ट मीटर का टेंडर फाइलन होता है और फिर विवाद के कारण उसे रद्द कर दिया जाता है. पिछले विवाद को देखते हुए स्मार्ट मीटर लगाने की योजना समय पर धरातल पर उतरने की उम्मीद कम ही नजर आ रही है. उधर, स्मार्ट मीटर के चक्कर में JBVNL अब तक 100 फीसदी मीटरिंग के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाई है.
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झारखंड में छह लाख उपभोक्ता बगैर मीटर के
JBVNL के लगभग छह लाख से अधिक उपभोक्ताओं के पास मीटर कनेक्शन नहीं है. ये ऐसे उपभोक्ता है जो बगैर मीटर के बिजली उपभोग कर रहे हैं. इसमें घरेलू और कर्मिशयल कनेक्शन शामिल हैं. पिछले कई सालों से लगातार JBVNL की ओर से शत-प्रतिशत मीटर कनेक्शन की बात की जा रही है. इसके बाद भी 100 फीसदी मीटर कनेक्शन नहीं हो पाया है.
नियामक आयोग देता रहा है समय
राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा टैरिफ पिटिशन में हर साल शत प्रतिशत मीटर कनेक्शन की बात की जाती है. साल 2018 से आयोग JBVNL को इस मामले में समय दे रहा है. इस बार भी अगस्त में हुए टैरिफ पीटिशन की सुनवाई के दौरान बगैर मीटर कनेक्शन का मामला उठा. JBVNL के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि मार्च 2021 तक राज्य में शत प्रतिशत मीटर लग जाएगा.
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स्मार्ट मीटर के टेंडर का इंतजार
राज्य के चार प्रमुख शहरों में स्मार्ट मीटर लगना है. रांची, जमशेदपुर, धनबाद और बोकारो के शहरी क्षेत्र में पहले चरण में स्मार्ट मीटर लगेंगे. JBVNL एक बार स्मार्ट मीटर का टेंडर फाइनल करने के बाद रद्द कर चुका है. पहले M/S L&T को L-1 कंपनी घोषित किया गया और चार दिन बाद जरिए M/S HPL को L-1 बना दिया गया. विवाद होता देख JBVNL टेंडर ही रद्द कर दिया. अब एक बार फिर टेंडर की तैयार चल रही है. अब यह प्रक्रिया कब तक पूरी होगी यह तो समय ही बता पाएगा.
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