Dhanbad: शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एसएनएमएमसीएच) के जूनियर डॉक्टर सुरक्षा को लेकर 25 नवंबर से हड़ताल पर हैं. एसएनएमएमसीएच के अधीक्षक डॉ. अरुण कुमार बर्णवाल ने हड़ताल के मद्देनजर कहा कि देश में डर का माहौल है, सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से लेकर सुभाष चंद्र बोस व पूर्व प्रधानमंत्री तक की हत्या हो चुकी है. इस डर के माहौल में कोई डॉक्टर काम नहीं कर सकता. डॉक्टर हड़ताल पर कभी नहीं जाना चाहते. उन्होंने कहा कि सुरक्षित माहौल में काम करना सब का अधिकार है. सरकार सुरक्षित माहौल नहीं देगी तो डॉक्टर अच्छे से काम कैसे कर पाएंगे? सुरक्षा उपलब्ध कराने में सरकार पूरी तरह फेल है.
एसएनएमसीएच में सुरक्षा बहाली के मद्देनजर उन्होंने कहा कि इसके दो तरीके हो सकते हैं. पहला अस्पताल प्रबंधन सुरक्षा मुहैया कराए और दूसरा जिला प्रशासन सुरक्षा उपलब्ध कराए. उन्होंने कहा कि एसएनएमएमसीएच 560 बेड की सुविधा वाली अस्पताल है. यहां इलाज कराने वाले हर मरीजों के लिए सुरक्षा मुहैया कराना मुश्किल है. इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं, जैसे मरीजों के आने-जाने के लिए एक मुख्य द्वार हो, वार्डों में एक मरीज के साथ एक परिजन को ही रहने की इजाजत मिले. ऐसा होने से अस्पताल में मरीजों को ज्यादा सुरक्षा मिलेगी. हालांकि जिला प्रशासन से इस संबंध में सहमति बन गई है तथा कार्य भी शुरू हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि दूसरा उपाय जिला प्रशासन सुरक्षा बल में बढ़ोतरी करे. विगत कुछ वर्षों से अस्पताल में सुरक्षा गार्डों की कमी देखी जा रही है. अस्पताल में पहले 100 सुरक्षाकर्मी तैनात थे, उसे घटाकर 50 कर दिया गया. अब मात्र 30 होमगार्ड पूरे परिसर में तैनात हैं, जबकि अस्पताल में चार परिसर है. वहीं 24 नवंबर की रात उपायुक्त संदीप सिंह के आवास पर उनसे मुलाकात कर डॉक्टरों ने सुरक्षा की गुहार की लगाई थी. डॉक्टरों ने उनसे कहा था कि एसएनएमएमसीएच के चिकित्साकर्मी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. डॉक्टरों से दुर्व्यवहार और गाली-गलौज आम बात हो गई है. शिकायकर्त्ता डॉक्टर अपने साथ सीसीटीवी फुटेज भी ले गए थे. मामले को तत्काल गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त ने बदसलूकी करने वालों की पहचान कर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. उपायुक्त ने डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा का आश्वासन दिया था.
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