Girish Malviya
देश के सबसे बड़े निजी बैंक एचडीएफसी बैंक की 25 साल तक कमान संभालने के बाद और मार्केट कैप के आधार पर HDFC ग्रुप को देश का सबसे बड़ा समूह बनाने के बाद आदित्य पुरी ने अक्टूबर 2020 में रिटायरमेंट ले लिया.
कुछ दिन बाद उन्होंने आश्चर्यजनक रूप से दुनिया की जानी मानी वित्तीय फर्म कार्लाइल ग्रुप में सलाहकार के रूप मे प्रवेश किया, इक्विटी कंपनी ने कहा कि आदित्य पुरी कार्लाइल को एशिया में निवेश अवसरों के बारे में परामर्श प्रदान करेंगे.
इसके ठीक बाद में खबर आयी कि कार्लाइल देश के तीसरे सबसे बड़े पंजाब नेशनल बैंक की कंपनी पीएनबी हाउसिंग में 4,000 करोड़ रुपये के निवेश कर रहा है. इस निवेश के बाद पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में कार्लाइल की हिस्सेदारी लगभग 60 फीसदी हो जाएगी और पीएनबी की हिस्सेदारी 32.6 फीसदी से घटकर 20.3 फीसदी रह जाएगी.
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यानी पीएनबी हाउसिंग पूरी तरह से विदेशी कंपनी बन जाएगी. इसके बाद नियामक आयोग सेबी की दो दिन पहले बत्ती जली ओर उसने एक अनूठा कदम उठाते हुए पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस को न केवल प्रस्ताव पर वोटिंग से रोक दिया था, बल्कि यह निर्देश भी दिया था कि इस मामले को नए सिरे से कंपनी के निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाए और उसके बाद स्वतंत्र मूल्यांकन के आधार पर निर्णय लिया जाए.
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने सोमवार सुबह सेबी के आदेश के खिलाफ सैट में अपील की और मामले की तत्काल सुनवाई करते हुए न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने सेबी के आदेश को रद्द करते हुए पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस को मंगलवार को शेयरधारकों की बैठक की अनुमति दे दी.
अब सवाल यह उठता है कि यह कार्लाइल ग्रुप कौन है. जो भारत की प्राइवेट कंपनियों की खरीद में इतनी रुचि ले रहा है. तो जान लीजिये, कार्लाइल ग्रुप दुनिया की विवादास्पद कंपनियो में से एक है.
डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं.