Header Image
lagatar.in
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • न्यूज़ डायरी
    • सुबह की न्यूज़ डायरी
    • शाम की न्यूज़ डायरी
  • झारखंड न्यूज़
    • दक्षिण छोटानागपुर
      • रांची न्यूज़
      • खूंटी
      • गुमला
      • सिमडेगा
      • लोहरदग्गा
    • कोल्हान प्रमंडल
      • जमशेदपुर
      • चाईबासा
      • सरायकेला
    • उत्तरी छोटानागपुर
      • रामगढ़
      • हजारीबाग
      • गिरिडीह
      • चतरा
      • कोडरमा
    • कोयला क्षेत्र
      • धनबाद
      • बोकारो
    • पलामू प्रमंडल
      • पलामू
      • गढ़वा
      • लातेहार
    • संथाल परगना
      • दुमका
      • देवघर
      • जामताड़ा
      • साहिबगंज
      • पाकुड़
      • गोड्डा
  • देश-विदेश
  • बिहार
  • ऑफबीट
  • ओपिनियन
  • खेल
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • व्यापार
Saturday, May 24, 2025
lagatar.in
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • न्यूज़ डायरी
    • सुबह की न्यूज़ डायरी
    • शाम की न्यूज़ डायरी
  • झारखंड न्यूज़
    • दक्षिण छोटानागपुर
      • रांची न्यूज़
      • खूंटी
      • गुमला
      • सिमडेगा
      • लोहरदग्गा
    • कोल्हान प्रमंडल
      • जमशेदपुर
      • चाईबासा
      • सरायकेला
    • उत्तरी छोटानागपुर
      • रामगढ़
      • हजारीबाग
      • गिरिडीह
      • चतरा
      • कोडरमा
    • कोयला क्षेत्र
      • धनबाद
      • बोकारो
    • पलामू प्रमंडल
      • पलामू
      • गढ़वा
      • लातेहार
    • संथाल परगना
      • दुमका
      • देवघर
      • जामताड़ा
      • साहिबगंज
      • पाकुड़
      • गोड्डा
  • देश-विदेश
  • बिहार
  • ऑफबीट
  • ओपिनियन
  • खेल
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • व्यापार
lagatar.in
No Result
View All Result
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • न्यूज़ डायरी
  • झारखंड न्यूज़
  • देश-विदेश
  • बिहार
  • ऑफबीट
  • ओपिनियन
  • खेल
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • व्यापार
Header Ad

तो क्या आला अफसरों के सहारे राज्यों पर केंद्र अप्रत्यक्ष शासन करेगा?

info@lagatar.in by info@lagatar.in
May 31, 2021
in ओपिनियन
Share on FacebookShare on Twitter

Faisal Anurag
कन्नन गोपीनाथ का 2019 में आईएएस के पद से इस्तीफा समान्य नहीं था, क्योंकि उन्होंने जो सवाल उठाए थे, वे भारतीय प्रशासनिक सेवा पर बढ़ते राजनैतिक दबाव को लेकर भी थे. लेकिन उनके इस्तीफे को केवल केंद्र सरकार के राजनीतिक फैसलों से क्षुब्ध एक अधिकारी के विद्रोह के रूप में ही प्रचारित किया गया. बुनियादी सवाल तो यह था कि एक और एथिक्स का के आधार पर काम करे या फिर राजनीतिक आकाओं को खुश करने की प्रतिस्पर्धा का हिस्सा बन जाए. कन्न्न गोपीनाथन ने बुनियादी तौर पर यह सवाल किया था कि प्रशासनिक कोड और एथिक्स संवैधानिक है या फिर सत्तासीन नेताओं की मनमर्जी के निर्देश—आदेश. उनके साथ कोई ममता बनर्जी नहीं थी तो उनके उठाए सवाल भी राजनीति में एक युवा विद्रोह का भावुक कदम भर बना दिया गया. लेकिन बंगाल के मुख्य सचिव अलपान बंदोपाध्याय के मामला हो या झारखंड के 2016 के हार्सट्रेडिंग के मामले की जांच दोनों में तो निशाने पर अधिकारी ही हैं.

इसे भी पढ़ें – खट्टर जैसे नेताओं को सुनकर आपको सिर धुनने का मन नहीं करता क्या?

निशिकांत दुबे गोड़डा से लोकसभा के सदस्य हैं और मोदी सरकार के प्रभावी सांसद. उन्होंने तो हार्सट्रेडिंग के मामले की जांच कर रहे एक बड़े अधिकारी को चेतावनी दिया है कि ऐसे अधिकारियों को दिल्ली तलब कर लिया जाएगा जो जांच का नेतृत्व कर रहे हैं. निशिकांत दुबे का आरोप है कि जांच अधिकारी हेमंत सोरेन के इशारे पर इस जांच को भाजपा नेता के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी जांच अधिकारी को लक्ष्य कर कहा है उन सबसे हिसाब लिया जाएगा.

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी की पहल पर ही हार्सट्रेडिंग के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ. लेकिन अब बाबूलाल मरांडी को लग रहा है कि इसमें राजनीति हो रही है और जांच को राजनीतिक तौर पर प्रभावित किया जा रहा है. चुनाव आयोग के निर्देश के बावजूद 2016 से ही मामला क्यों लटका रहा जैसे सवालों को तो दरकिनार कर दिया गया है और जांच पर राजनीति की एक प्रेतछाया मंडरा रही है जिससे ब्यूरोक्रेसी के मनोबल पर असर पड़ता है.

उत्तर पद्रेश में तीन आइपीएस अफसरों को 23 मार्च को जबरन सेवानिवृति दे दी गयी. अमिताभ ठाकुर भी इसमें शामिल हैं, जो सवाल उठाने के लिए मशहूर रहे हैं. मुलायम सिंह यादव को भी उन्हें कोपभाजन बनना पड़ा था. ऐसे कुछ और मामले भी देश के विभिन्न राज्यों में हैं, जहां आला अधिकारियों को या तो हाशिए पर रखा गया या फिर उन्हें प्रताड़ित किया गया. सवाल यह है कि ऐसे अफसर अपवाद में ही क्यों हैं. केंद्र के इशारे पर विपक्षी सरकारों को कमजोर करने में भी अफसरों की भूमिका के अनेक उदाहरण मौजूद हैं.इस सवाल का जबाव बेहद आसान है. राजनीतिक आकाओं को खुश करने और उनके इशारे पर ही तरक्की हासिल करने का औजार एक दिन में नहीं बनाया गया. इससे न केवल भारतीय प्रशासन और पुलिस सेवा की साख प्रभावित हुई है, बल्कि वसूलों पर टिके निष्पक्ष तरीके से काम करने वालों की राह कठिन बना दी गयी है.

बंगाल से उभरे विवाद ने तो केंद्र बनाम राज्य के संबंधों और राज्यों में तैनात अधिकारी के अधिकार के सवाल को गंभीर बना दिया है. अलपान बंदोपाध्याय तो 31 मई को रिटायर हो रहे हैं, लेकिन कोविड के प्रबंधन में उनकी भूमिका के लिए राज्य सरकार की सिफारिश पर तीन महीने के सेवा विस्तार पर हैं. एक अधिकारी जो 31 मई के बाद सेवा विस्तार पर रहेगा, उसके साथ केंद्र के सख्त कदम ने गैर भाजपा शासित राज्यों के अधिकारियों को भी दुविधा में डालेगा. आखिर वे बात किसकी मानें. राज्य और केंद्र के बीच झुलता एक अधिकारी की दुविधा बड़ी है. जो अधिकारी अपने एथिक्स का पालन करेगा उसके कामकाज पर इसके बुरे प्रभाव का अंदेशा बना रहेगा. यही कारण है कि आइएएस लॉबी के अनेक अधिकारी मर्माहत हैं. हालांकि उनके बयान नहीं आ रहे हैं.

लेकिन कुछ रिटायर अधिकरियों ने तो क्षोभ प्रकट कर ही दिया है. इनमें अधिकांश का सवाल तो केंद्र ने जिस तरीके से तबादले का फरमान बिना राज्य से परामर्श के ही जारी कर दिया वह एक खतरनाक प्रवृति का संकेत है. दिल्ली से सीधे जिलाधिकारियों या मुख्य सचिव को नियंत्रित करने के प्रयास के रूप में बंगाल की घटना को देखा जा रहा है. राज्यपाल तो पूरी तरह केंद्र के इशारे चल ही रहे हैं, तो क्या जहां सरकार नहीं वहां आला अफसरों के सहारे राज किया जाएगा.

[wpse_comments_template]

Share76Tweet47Send
Previous Post

कोडरमा : स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का उल्लंघन कर जिम का हो रहा था संचालन, एसपी के निर्देश पर हुई छापेमारी

Next Post

Bokaro – तीसरे वेब से निपटने की तैयारी में जुटा बोकारो स्वास्थ्य विभाग || Live Lagatar ||

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

  • वेदांता ESL तीरंदाजी अकादमी ने युवा तीरंदाजों और सभी कोच को किया सम्मानित May 24, 2025
  • चाईबासाः जंगल में बसे लोगों के हक के लिए संघर्ष जारी रहेगा- जोबा माझी May 24, 2025
  • शाम की न्यूज डायरी।24 MAY।।JJMP सुप्रीमो पप्पू लोहरा व प्रभात मुठभेड़ में ढेर समेत कई खबरें व Video… May 24, 2025
  • पलामूः PLFI सुप्रीमो दिनेश गोप का अब देवघर एम्स में होगा इलाज May 24, 2025
  • नीति आयोग की बैठक में CM हेमंत, बोले-विकास योजनाओं की गति के लिए केंद्र का सहयोग जरूरी May 24, 2025

© 2025 Lagatar Media Pvt. Ltd.

Social icon element need JNews Essential plugin to be activated.
Footer Ad 1 Footer Ad 2
No Result
View All Result
हमारे whatsapp चैनल को फॉलो करें हमारे whatsapp चैनल को फॉलो करें
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • न्यूज़ डायरी
    • सुबह की न्यूज़ डायरी
    • शाम की न्यूज़ डायरी
  • झारखंड न्यूज़
    • दक्षिण छोटानागपुर
      • रांची न्यूज़
      • खूंटी
      • गुमला
      • सिमडेगा
      • लोहरदग्गा
    • कोल्हान प्रमंडल
      • जमशेदपुर
      • चाईबासा
      • सरायकेला
    • उत्तरी छोटानागपुर
      • रामगढ़
      • हजारीबाग
      • गिरिडीह
      • चतरा
      • कोडरमा
    • कोयला क्षेत्र
      • धनबाद
      • बोकारो
    • पलामू प्रमंडल
      • पलामू
      • गढ़वा
      • लातेहार
    • संथाल परगना
      • दुमका
      • देवघर
      • जामताड़ा
      • साहिबगंज
      • पाकुड़
      • गोड्डा
  • देश-विदेश
  • बिहार
  • ऑफबीट
  • ओपिनियन
  • खेल
  • मनोरंजन
  • हेल्थ
  • व्यापार

© 2025 Lagatar Media Pvt. Ltd.