NewDelhi : सोनिया गांधी ने आज खुद को फुल टाइम पार्टी अध्यक्ष होने का संकेत दे दिया. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया शुरुआत में ही फ्रंटफुट पर खेल गयीं. उन्होंने कहा कि अगर आप सभी मुझे ऐसा कहने की अनुमति देंगे तो मैं खुद को फुल टाइम पार्टी अध्यक्ष के तौर पर रखूंगी. कहा कि हमने कभी भी सार्वजनिक महत्व और चिंता के मुद्दों को बिना सोचे-समझे नहीं जाने दिया है. साथ ही कहा कि मीडिया के माध्यम से मुझसे बात करने की कोई जरूरत नहीं है. उनका इशारा कांग्रेस के G 23 समूह के नेताओं की ओर था.
“The shocking incidents at Lakhimpur-Kheri recently betrays the mindset of BJP, how it perceives
Kisan Andolan, how it has been dealing with this determined struggle by Kisans to protect their
lives & livelihoods,” Congress interim pres Sonia Gandhi in her opening remarks at CWC pic.twitter.com/O2C9yyqYoY— ANI (@ANI) October 16, 2021
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कांग्रेस के फैसले कौन लेता है, सोनिया गांधी ने समझा दिया
सोनिया गांधी का यह बयान पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 को करारा जवाब माना जा रहा है. बता दें कि कुछ दिन पहले कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा था कि कांग्रेस के फैसले कौन लेता है, ये उन्हें समझ में नहीं आ रहा है. आज सोनिया गांधी ने उन्हें समझा दिया. इस क्रम में संगठन के चुनाव पर सोनिया ने स्पष्ट किया कि पूर्ण संगठनात्मक चुनावों का कार्यक्रम आपके सामने है. 30 जून 2021 को चुनावी रोडमैप को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन कोरोना के चलते चुनाव नहीं हो पाया. आप सभी इसे तय करें, पार्टी में किसी एक की मर्जी नहीं चलेगी. उन्होंने पार्टी नेताओं को आत्म-नियंत्रण और अनुशासन का ख्याल रखने को भी कहा.
मोदी सरकार पर हल्ला बोला
G-23 के नेताओं पर निशाना साधने के बाद सोनिया ने मोदी सरकार परहमला बोला. कहा कि मोदी सरकार का एकमात्र एजेंडा है बेचो,बेचो,बेचो. सोनिया ने बैठक में जम्मू-कश्मीर में हुई हालिया हत्या की घटनाओं की निंदा भी की. सोनिया गांधी ने कहा ‘जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यकों की टारगेटेड किलिंग की निंदा करते हैं. इस क्रम में सोनिया ने कहा, सरकार जैसा प्रचार कर रही है अर्थव्यवस्था की हालत वैसी बिल्कुल नहीं है. जैसा की हम सभी जानते हैं सरकार के पास आर्थिक स्थिति को सही करने के नाम पर सिर्फ राष्ट्रीय संपत्तियों को बेचने की योजना है.
लखीमपुर की घटना पर सोनिया ने कहा- हाल ही में, लखीमपुर-खीरी की भयावह घटना ने भाजपाई मानसिकता को उजागार किया है कि वो किसान आंदोलन को कैसे देखती है, किसानों द्वारा अपने जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए इस दृढ़ संघर्ष से कैसे निपटती है.
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बैठक महत्वपूर्ण करार दी जा रही है
जान लें कि दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में लंबे वक्त के बाद आज (शनिवार) कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हो रही है. जिसमें पार्टी अध्यक्ष समेत संगठनात्मक चुनावों पर कोई न कोई निर्णय होने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि कांग्रेस के G 23 समूह के नेताओं द्वारा पार्टी के भीतर संवाद की मांग किये जाने और हाल के महीनों में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने की पृष्ठभूमि में यह बैठक महत्वपूर्ण करार दी जा रही है.
किसान आंदोलन, बेरोजगारी, महंगाई आर्थिक स्थिति पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार बैठक में पांच राज्यों में आगामी दिनों में होनेवाले विधानसभा चुनावों, मौजूदा राजनीतिक हालात सहित लखीमपुर खीरी की घटना, किसान आंदोलन, बेरोजगारी, महंगाई तथा आर्थिक स्थिति पर चर्चा हो सकती है. कुछ प्रस्ताव भी पारित किये जायेंगे.जान लें कि पिछले दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की मांग की थी. गुलाम नबी आजाद ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पार्टी से जुड़े मामलों पर चर्चा के लिए कांग्रेस कार्य समिति की तत्काल बैठक बुलाई जानी जाहिए.
कपिल सिब्बल ने भी पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान के बीच पार्टी नेतृत्व पर सवाल दागे थे. सिब्बल ने कहा था कि कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाकर इस स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए. संगठनात्मक चुनाव भी होने चाहिए. जब सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद, लुईजिन्हो फालेरियो और कई अन्य नेता कांग्रेस छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हुए हैं, ऐसे में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है. पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लंबे समय से लंबित है.