- रिम्स में 16, सदर में दस और अनुमंडल अस्पतालों में तीन-तीन बेड रहेंगे रिजर्व
- जलने पर 20 मिनट तक टैप वाटर से धोएं
- जलने पर बर्फ, घी, आलू, पेस्ट का इस्तेमाल नहीं करें
Ranchi: दिवाली में पटाखों से जले हुए बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचते हैं. आम दिनों की तुलना में तीन गुणा अधिक मरीज अस्पताल में पहुंचते हैं. इसे देखते हुए रिम्स के बर्न वार्ड में 16 बेड, सदर में दस बेड और सभी अनुमंडल अस्पतालों में तीन बेड रिजर्व किए गए हैं. रिम्स के निदेशक डॉ राजीव गुप्ता ने बताया कि रिम्स में 16 बेड का बर्न वार्ड पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद रहेगा. उन्होंने बताया कि दिवाली के दिन बर्न मामलों के उपचार के लिए आठ जूनियर रेजिडेंट, एक रेजिडेंट के अलावा तीन सीनियर कंसल्टेंट ऑन कॉल मौजूद रहेंगे. बता दें कि रिम्स के सर्जरी विभाग के डॉक्टर नीशिथ ने बताया कि उपचार से अधिक जरूरी है सर्तकता. इसलिए बच्चों को पटाखे के नजदीक जाकर पटाखा जलाने से बचना चाहिए.
सदर अस्पताल में दस बेड रिजर्व, अनुमंडल अस्पतालों में भी तीन बेड रहेंगे
सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने बताया कि सदर अस्पताल में भी मरीजों के लिए दस बेड तैयार रहेंगे. वहीं इमरजेंसी में 24 घंटे विशेषज्ञ चिकित्सक और नर्सें मौजूद रहेंगी. उन्होंने कहा कि किसी तरह की समस्या से निपटने के लिए एंबुलेंस भी पूरी टीम के साथ तैयार रहेगी. इसके अलावा अनुमंडल अस्पतालों में भी तीन बेड जलने की समस्या वाले मरीजों के लिए रिजर्व रखने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सावधानीपूर्वक दिवाली मनाया जाना चाहिए. अभिभावकों को चाहिए कि पटाखे जलाने के समय बड़ों की निगरानी में ही बच्चे पटाखे फोड़े.
अस्थमा के मरीज 48 घंटे तक धुआं में नहीं निकलें
रिम्स के टीबी चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ ब्रजेश मिश्र ने बताया कि अस्थमा के मरीजों को अगले 48 घंटे तक धुआं में आने से बचना चाहिए. किसी भी हाल में बाहर नहीं निकलना चाहिए. डॉ ब्रजेश ने बताया कि दीवाली के बाद पॉल्यूशन का स्तर बढ़ जाता है. ऐसे में अस्थमा के मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन का दर बढ़ जाता है. अस्थमा के मरीजों को धुल और धुआं से रिस्क तो रहता ही है, ऐसे में मरीजों को सतर्क रहने की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि मौसम में बदलाव के कारण भी अस्थमा के मरीजों में परेशानी बढ़ती है. रिम्स क्रिटिकल केयर के इंचार्ज डॉ पीके भट्टाचार्य ने बताया कि वैसे मरीज जो गंभीर रूप से कोरोना में संक्रमित हुए थे उन्हें भी धुआं से दूरी बनानी चाहिए.
जलने पर 20 मिनट तक टैप वाटर से धोते रहें
डॉक्टरों के अनुसार, बारूद या पटाखों से जलने पर अगले बीस मिनट तक लगातार पानी से धोते रहें. पेस्ट, घी, दही, बर्फ, आलू का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इसके अलावा जब जलन कम हो जाए तो सीधा डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए. कई बार हल्का जला भी इंफेक्शन का कारण बन जाता है. डॉ निशिथ ने बताया कि बच्चों में दस फीसदी और बड़ों में तीस फीसदी तक जलना अधिक रिस्क का कारण बनता है. इसलिए सावधान होकर पटाखा जलाएं.
जलने पर क्या करें
– जलने पर 20 मिनट तक लगातार पानी से धोएं
– ठंड होने पर डॉक्टरों से सलाह लें
– आंखों को बचाकर पटाखे जलाएं
– छड़ी और अगरबत्ती का प्रयोग करें
– पटाखा जलाते वक्त आवश्यक दूरी बनाए रखें
– पटाखे जलाने के बाद अच्छे से हाथ धोएं
– अस्थमा और पोस्ट कोविड के मरीज दीवाली में धुआं से दूर रहें
-अस्थमा के मरीज अगले 48 घंटे तक इंडोर में ही रहने का प्रयास करें
जलने पर क्या नहीं करें
– जलने पर बर्फ, घी, आलू, पेस्ट का इस्तेमाल नहीं करें
– गैर जरूरी होने पर घर से बाहर नहीं निकलें
– मास्क का प्रयोग करना नहीं छोड़ें
– कोरोना हुआ है तो अधिक समय तक पटाखे न जलाएं
– हल्का भी जलने पर इंफेक्शन का खतरा इसलिए इग्नोर न करें