Ranchi: भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा को ईडी की विशेष अदालत से बड़ा झटका लगा है. ईडी की विशेष न्यायालय ने राम विनोद सिन्हा की जमानत अर्जी को नामंजूर कर दिया है. कोर्ट ने राम विनोद सिन्हा की ओर से दायर जमानत याचिका को खारिज कर दी है. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सिन्हा न्यायिक हिरासत में हैं. ईडी की विशेष कोर्ट में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद जमानत याचिका पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.
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बता दें कि ईडी ने मनी लांड्रिंग मामले के आरोपी सिन्हा को बीते 18 जून 2020 को कोलकाता से गिरफ्तार किया था. वह दो साल से फरार चल रहे थे. ईडी ने 12 दिसंबर 2018 को 2.79 करोड़ की मनी लांड्रिंग केस में सिन्हा पर चार्जशीट दाखिल किया था. मालूम हो कि राम विनोद सिन्हा ने खूंटी जिला परिषद में पदस्थापित रहते हुए करोड़ों की अवैध संपत्ति अर्जित की थी.
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18 करोड़ से अधिक रुपये के फर्जीवाड़े का है आरोप
बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा पर खूंटी जिला परिषद के मनरेगा योजना से जुड़े 18 करोड़ 76 लाख रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है. एसीबी की जांच में इसकी पुष्टि हुई थी. फर्जीवाड़ा का यह मामला वर्ष 2006 से 2010 के बीच का है.
4.25 करोड़ की संपत्ति जब्त कर चुकी है ईडी
ईडी की टीम ने मनी लांड्रिंग मामले में अब तक बर्खास्त इंजीनियर राम विनोद सिन्हा की 4.25 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. राम विनोद सिन्हा ने मेसर्स अरुणाचल प्रदेश मिनरल डेवलपमेंट एंड ट्रेडिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के नाम से एक कंपनी बनाकर राशि डिपोजिट की थी.
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