Ranchi: आजादी के 75वें अमृत महोत्सव पर संत जेवियर्स कॉलेज में 12 अगस्त से विशेष कार्यक्रम चल रहा है. कार्यक्रम के दूसरे दिन शनिवार को राष्ट्रीय ध्वज के महत्व पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व सदस्य व केन्द्रीय पुस्तकालय के सलाहकार सदस्य डॉ. राजाराम महतो मौके पर मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र की पहचान और उस राष्ट्र की संप्रभुता का प्रतीक होता है. राष्ट्रीय ध्वज हर भारतवासी का गौरव है. यह मात्र एक आयताकार कपड़े का टुकड़ा नहीं बल्कि देश की आन- बान और शान है. इसकी गरिमा बनाए रखने के लिए भारत का हर नागरिक कृतसंकल्पित है. आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी हिंद के शेरों ने कभी इसकी गरिमा को कम नहीं होने दिया. विश्व का सबसे खूबसूरत झंडा और भारत की आन- बान और शान तिरंगा 3 रंगों से बना है. सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद पट्टी तथा सबसे नीचे हरे रंग की पट्टी होती है.
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धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के बावजूद सभी एक ही झंडे के नीचे रहते हैं
डाॅ महतो ने बताया कि धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के बावजूद भारत के सभी नागरिक खुशी-खुशी एक ही झंडे के नीचे रहते हैं. सभी धर्मों के लोग चाहे वह हिंदू हों, मुसलमान हों, सिख हों या फिर ईसाई हों, यह राष्ट्रीय ध्वज हमें एकता के सूत्र में बांधकर रखता है. बहुत सोच समझ कर राष्ट्रध्वज के निर्माताओं ने इसे तैयार किया है. इसमें मौजूद सभी रंग अपने आप में कुछ कहता है.
झंडे के रंगों को किया परिभाषित
डाॅ महतो ने सभी रंगों के महत्व पर भी चर्चा की. कहा- राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर की पट्टी केसरिया रंग की होती है, जो साहस, निस्वार्थता, शक्ति और बलिदान का प्रतीक होता है. यह राष्ट्र के प्रति हिम्मत और निस्वार्थ भावना को दर्शाता है. यह रंग एकता का भी प्रतीक है. सफेद रंग राष्ट्र की शांति, सद्भाव, शुद्धता, सच्चाई और ईमानदारी को प्रदर्शित करता है. सफेद रंग को स्वच्छता और ज्ञान का भी प्रतीक माना जाता है. यह रंग हमें सच्चाई की राह पर हमेशा चलना सिखाती है. कर्तव्य परायण और एक आदर्श व्यक्ति बनने के लिए यह रंग हमें हमेशा प्रेरित करती है. हरा रंग विश्वास, उर्वरता, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति को दर्शाता है. यह देश की हरी-भरी भूमि, पहाड़-पर्वत तथा हरियाली को दर्शाता है. यह रंग आंखों को सुकून देने वाला होता है. प्रकृति के साथ इस रंग का घनिष्ठ संबंध है.
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