Amarnath Pathak
Hazaribag : हजारीबाग की शैक्षणिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक भूमि पर बापू के भी पावन चरण पड़े थे. हजार बागों के नाम से प्रसिद्ध इस शहर और जिले की कई यादें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़ी हैं. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पीआरओ, राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक और वरिष्ठ पत्रकार डॉ प्रमोद कुमार ने बताया कि बापू के चरण हजारबागों की धरती पर तीन बार पड़े.
महात्मा गांधी पहली बार 18 सितंबर 1925 को आए थे
सर्वप्रथम उन्होंने 18 सितंबर 1925 को यहां के ऐतिहासिक संत कोलंबा कॉलेज के ह्विटले हॉल में जनसभा की थी. उस समय जेएफ मार्खम वहां के प्राध्यापक थे. गांधीजी ने वहां लोगों को छूआ-छूत के भेदभाव से दूर रहने की नेक सलाह दी थी. साथ ही पर्दा प्रथा का विरोध और शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया था. उस वक्त वे छोटानागपुर के दौरे पर थे.
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दूसरी बार 28 अप्रैल 1934 को आए थे बापू
दूसरी बार 28 अप्रैल 1934 भूकंप पीड़तों के लिए बापू ने सहायतार्थ जुटाई थी राशि, अंतिम बार 1940 को रामगढ़ अधिवेशन में उनका आगमन हुआ था. दूसरी बार बापू 28 अप्रैल 1934 को चतरा से धनबाद के कतरास जाने के क्रम में उन्होंने हजारीबाग में पांव रखे थे. उस वक्त मुंगेर में आए भूकंप के बाद पीड़ितों की सहायता के लिए धन जुटा रहे थे. अंतिम बार गांधी जी 18-19 मार्च 1940 को एकीकृत हजारीबाग में रामगढ़ आए थे. वहां 53वां कांग्रेस अधिवेशन हुआ था. उस अधिवेशन के सूत्रधार स्वतंत्रता सेनानी बाबू रामनारायण सिंह थे. रांची के दरभंगा हाउस में ठहरे बापू को ससम्मान बाबू रामनारायण सिंह, सरस्वती देवी और त्रिवेणी प्रसाद वहां से आगवानी कर रामगढ़ लाए थे. आजादी के बाद हजारीबाग के प्रथम सांसद रहे बाबू रामनारायण सिंह काफी मुखर होकर रामगढ़ कांग्रेस में अहम भूमिका निभाई थी. इस बात का जिक्र देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपनी आत्मकथा में किया है. उसी दिन नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने रामगढ़ में समानांतर सभा की थी. बहरहाल हजारीबाग क्या पूरा देश बापू का सदैव ऋणी है और उनकी जयंती पर उन्हें शत-शत नमन कर रहा है.
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बापू का अस्थि कलश भी है स्थापित
हजारीबाग में बापू का अस्थि कलश भी स्थापित है. उनकी अस्थियां हजारीबाग के कुम्हाटोली में रखी गयी थीं. ये आज भी गांधी स्मारक के रूप में यादें ताजा करा रही हैं. वहां हर साल प्रार्थना सभा में बापू के प्यारे भजन रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीताराम… गाते हैं. यहां झील में महात्मा गांधी की विशाल प्रतिमा जिला प्रशासन की ओर से वर्ष 2015 में स्थापित की गई थी.