Ranchi: डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर (ईएलएल) विभाग द्वारा प्ले का आयोजन किया गया. डॉ. राम दयाल मुंडा द्वारा लिखी गई कथन सालवान के अंतिम साल की प्रस्तुति की गई. इस नाटक में विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों ने अभिनय किया. वहीं इस नाटक के प्रस्तुति में ईएलएल विभाग के को-ऑर्डिनेटर डॉ विनय भरत और सौरभ मुखर्जी सह- निर्देशित इस नाटक के सभी कलाकार डिपार्टमेंट ऑफ इंग्लिश लैंग्वेज एंड लिटरेचर के थे.
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जिनमें प्रमुख थे ई एल एल विभाग के शिक्षक कर्मा कुमार (पुजारी), छात्र आयुषी भद्रा (साल पेड़), अनामिका सोरेन (ग्रामीण), अंजलि राधारानी (नेता की बेटी) , कोमल कुमारी (अफसर 2), सुमंत कुमार (नेता) , मन्त्रेश कुमार (प्रमुख अफसर) काश प्रमोद शर्मा (ग्रामीण युवक) ने अपने पत्रों को जीवंत किया. पर्दे के पीछे ईएलएल विभाग की शिक्षिका श्वेता गौरव और शुभांगी रोहतगी ने रूप सज्जा और स्टेज सेट- अप में अपनी भूमिका निभाई. इस मौके पर शिक्षक अब्दुल बसी ,मो रियाज़ हसन, पारितोष माजी, मनीषा शाहदेव, रेखा चौधरी,श्रीमित्रा, नैनी मिश्रा, गुड़िया कुमारी , दशमी ओरिया, श्रेया तिवारी, डिरेक्टर, परिवर्तन, शुभ्रा व विश्वविद्यालय के छात्र शामिल रहे.
झारखंड का यूएसपी यहां के झाड़ जंगल से- प्रो. कुलपति
इस माटक के मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल रहे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि डेवलपमेंट जरूरी है पर सस्टेनेबल डेवलपमेंट. हमें विकास के ऐसे मॉडल खड़े करने हैं ,जो वन आधारित अर्थव्यवस्था को अवरुद्ध न करे.झारखंड के झाड़ जगंल झरने ही इसके यूएसपी हैं. हमें चाहिए कि नार्थ ईस्ट के तर्ज पर झारखंड में टूरिज्म इंडस्ट्री बढ़े ,जिससे इनके जंगलों पहाड़ और झरनों को संरक्षित करने में जहां एक ओर बल मिलेगा. दूसरी ओर टूरिज्म से वर्ष भर रोजगार भी मिलेगा.
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