- संथाल परगना की चेंज रही डेमोग्राफी का सरकार कराये सर्वे
- घुसपैठ देश और समाज के लिए खतरनाक, राज्य के लिए अलार्मिंग सिचुएशन
Ranchi: झारखंड की हेमंत सरकार घुसपैठियों को संरक्षण दे रही है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों की सरकारों से घुसपैठ को लेकर जवाब मांगा था. इसपर राज्य सरकार की ओर से जो हलफनामा दायर किया गया है, उससे साफ लगता है कि यहां की सरकार राज्य में घुस चुके घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए यह बातें कही. रांची की लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिये अपने एफिडेविट में गोल मटोल जवाब दिया है. सरकार ने केवल हजारीबाग में एक डिटेंशन सेंटर की बात कही है, लेकिन बाहरियों को चिन्हित कर उन्हें बाहर करने पर वह मौन रही. दरअसल, सरकार उसे वोट बैंक बना रही है. यह देश, समाज के लिए खतरनाक स्थिति है और राज्य के लिए अलार्मिंग सिचुएशन है.
पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने का सिलसिला बढ़ा
उन्होंने कहा कि रोहिंग्याई, बांग्लादेशी घुसपैठिये न सिर्फ प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर आबादी का डेमोग्राफी बदल रहे हैं बल्कि अशांति भी फैला रहे हैं. पिछले दिनों राज्य में कई जगह पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगे. यह बताता है कि विदेशी ताकतें और घुसपैठिये यहां सक्रिय हैं. उन्हें रोकने में विफल राज्य सरकार उल्टे उन्हें संरक्षण दे रही है.
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एक्शन नहीं लेने के कारण बढ़ रहा घुसपैठियों का मनोबल
उन्होंने कहा कि बीते दिनों राज्य के कई हिस्सों में दंगा हुआ था, जिसमें से लोहरदगा का मामला प्रमुखता से आया था. पुलिस ने अपनी जांच में दंगे के पीछे स्लीपर सेल का हाथ बताया था. इससे पहले भी सरकार की एजेंसी ने जांच कर सरकार को रिपोर्ट सौंपी है, लेकिन उसपर एक्शन नहीं लेने से घुसपैठियों का मनोबल बढ़ रहा है. बाबूलाल ने कहा कि एक बार जब उन्होंने आवाज उठाई थी तब कुछ बांग्लादेशी घुसपैठिये पकड़े गये थे. वहीं एक मंत्री ने रातों-रात बांग्लादेशियों को गाड़ियों की व्यवस्था कर बंगाल भिजवा दिया था.
संथाल के कई जिलों की डेमोग्राफी बदल गई, सर्वे कराए सरकार
बाबूलाल ने कहा कि हेमंत सरकार में रोहिंग्या, बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण खास तौर पर संथाल में विकट स्थिति बन रही है. घुसपैठियों के कारण संथाल के पाकुड़, साहेबगंज समेत अन्य जिलों की डेमोग्राफी बदल गई है. घुसपैठियों ने राशन कार्ड से लेकर घर तक बना लिया है. उनके कारण स्थानीय लोग पलायन कर रहे हैं या उन्हें भगा दिया जा रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सर्वे कराकर घुसपैठियों को बाहर किया जाए. ऐसा नहीं करने पर संताल, आदिवासियों, पहाड़िया का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा.