Ranchi : मूलवासी सदान मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सरकार जब तक खतियान आधारित नियोजन नीति और स्थानीय नीति नहीं बनाती है, तब तक संयुक्त बिहार में बनी नियोजन नीति 3 मार्च 1982 को ही लागू करे. सिमडेगा के केरसई में मोर्चा द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी सह आमसभा में उन्होंने कहा कि मूलवासी बाल- बच्चों के भविष्य को बचाना है, तो मूलवासी सदानों के बीच राजनीतिक चेतना जगाना होगा. मूलवासी सदानों के अधिकार को लेकर लगातार महापंचायत, सम्मेलन और सेमिनार मोर्चा की ओर से किया जा रहा है. अधिकार, आस्था और पहचान के लिए सदानी झंडा सदान के सभी घरो में लगाना है. उन्होंने राजनेताओं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यहां के राजनेताओं ने सदानों की अधिकार को छीनने का काम किया है. वहीं झारखंड में बाहरी लोगों को लोकसभा और विधानसभा में राजनीतिक दल उम्मीदवार बनाकर सांसद व विधायक बना रहे हैं. इससे मूलवासी सदानों की राजनीतिक उपेक्षा हो रही है. उन्होंने झारखंड में विधानसभा सभा की सीटों को 160 और लोकसभा की सीटों को 28 करने की मांग केन्द्र सरकार से की है, जिससे सदानों को भी विधानसभा और लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल सके.
सदान मोर्चा जाति की नहीं जमात की बात करता है
सभा की अध्यक्षता करते हुए प्रणव कुमार ने कहा कि सदान मोर्चा जाति की नहीं जमात की बात करता है. हिंदू और मुस्लिम दोनों सदान समुदाय से आते हैं. धीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि प्रत्येक जाति समुदाय एवं राजनीति में सिर्फ एक ही नेता होता है, जिससे समाज का सही दिशा दर्शन एवं समाज का संपूर्ण विकास हो पाता है. मौके पर नंदकिशोर प्रसाद, राजेश कुमार, सुरेश प्रसाद, महेश प्रसाद, बसंत साहू ,आनंद प्रसाद ,प्रदीप कुमार, कमो देवी, गंदोरी देवी, भूटन देवी, फूलों देवी, पिंकी देवी, सुमित्रा देवी, बुधियारो देवी, पंकज कुमार दिनेश प्रसाद महेंद्र प्रसाद संत प्रसाद उत्तम कुमार और कोई है अभिषेक प्रसाद, विश्वनाथ मलार, सोमनाथ मलार, चितरांगत बेहरा ने अपनी बात रखी.
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