Bagha : बगहा के हरनाटांड़ के काला बैरिया गांव में एक अजीब तितली देखने को मिली. उसके पंख पर दोनों ओर सांप की आकृति बनी हुई है. यह गांव के एक बल्ब के पास बैठी थी. जैसे ही ग्रामीणों की नजर इसपर पड़ी, लोग इसे वनदेवी मानकर पूजा-पाठ करने लगे. इस तितली को देखने के लिए ग्रामीणों की भीड़ लग गई.
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काला बैरिया गांव में अजीब तितली मिलने की सूचना पर WWF के एरिया को-ऑर्डिनेटर कमलेश मौर्या ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति की यह कीट नर से बड़ी मादा होती है. मादा का शरीर 9.5 सेंटीमीटर होता है, जबकि नर इसके अपेक्षा काफी छोटा, अभी जो कीट है वह मादा है. एक मादा नर के साथ आने और निषेचित होने, अंडे देने और मरने की प्रतीक्षा करती है. मौर्या ने बताया कि यह खुशनसीब लोगों को ही दिखाई देता है. यह कीट दिन में शायद ही दिखाई देता है. यह रात में निकलने वाला कीट है. इससे पहले यह झारखंड के पलामू में मिला था. मौर्या ने बताया कि इसे एटलस मॉथ कहते हैं. यह दुनिया का सबसे बड़ा कीट है. भारत में पाए जाने वाले इंडियन लूना मॉथ के पंख का फैलाव 12 से 17 सेमी तक रहता है. यह तितली की तरह ही दिखता है. इसके पंखों पर सांप की आकृति रहती है. बगहा के हरनाटांड़ के काला बैरिया गांव में एटलस मॉथ मिला, जिसके पंख 24 सेमी तक फैलाव वाले रहते हैं. यह सबसे बड़े कीटो में से एक है. जब इसको खतरा महसूस होता है तो शिकारियों को डराने के लिए यह सांप के सिर की तरह दिखने वाले पंख फड़फड़ाता है. WWF (विश्व वन्यजीव कोष) के एक रिसर्च के अनुसार एटलस मॉथ कैटरपिलर रेशम के टूटे हुए स्ट्रैंड से अपना कोकून बुनता है. एटलस मॉथ का यह भूरा, ऊन जैसा रेशम बहुत टिकाऊ माना जाता है.
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