कुत्तों का बंध्याकरण 5 माह से है बंद
महिलाएं व स्कूली बच्चे हो रहे अधिक शिकार
Dhanbad : धनबाद शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कहर ढाने लगा है. चौक-चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर कुत्तों का झुंड राहगीरों को देखते ही झपट पड़ता है. फूड कॉर्नर, बस स्टैंड और ढाबा-होटलों के इर्द-गिर्द कुत्तों का विराट मेला लगा रहता है. थोड़ा भी व्यवधान हुआ नहीं कि झुंड लोगों पर आक्रमण कर बैठता है. मार्केट जाने वाली महिलाएं और स्कूली बच्चे अधिक शिकार हो रहे हैं. आवारा कुत्तोंको पकड़ने की दिशा में नगर निगम का डॉग स्क्वायड पूरी तरह निष्क्रिय है.
सुनसान इलाकों में दिन में भी कुत्तों का झुंड राहगीरों पर हमला कर देता है. रात गहराने के बाद ये ज्यादा अक्रामक होते हैं. तेज बाइक व कार सवारों पर भी हमला करने से बाज नहीं आ रहे. हर दिन दर्जनों राहगीर इनके शिकार बन रहे हैं. इनकी रोकथाम में निगम की व्यवस्था पूरी तरह फेल है. झरिया के चांद कुईया स्थित कुत्तों का अस्पताल भी पिछले पांच माह से बंद पड़ा है.
हरियाणा की कंपनी को मिली है बंध्याकरण की जिम्मेवारी
जानकारी के अनुसार, धनबाद नगर निगम ने कुत्तों के बंध्याकरण की जिम्मेवारी हरियाणा की स्नेह एनिमल वेलफेयर सोसायटी को दी है. इस संस्थान ने दिसंबर 2021 में कुत्तों को पकड़ने का काम शुरू किया था. जून 2022 तक 3 हजार कुत्तों का बंध्याकरण भी हुआ. इस पर 60 लाख रुपए खर्च किए गए. लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के निर्देश पर अभियान बंद हो गया. मेनका गांधी को किसी ने बंध्यकरण के नाम पर कुत्तों को मारने की शिकायत की थी. हालांकि निगम के जवाब के बाद सितंबर 2022 में चांदकुईया, झरिया में कुत्तों का अस्पताल दुबारा खुला, लेकिन संस्था के कर्मी ही काम छोड़ कर चले गए. तब से अस्पतला बंद पड़ा है.
आवारा पशुओं को पकड़ने की कार्रवाई भी जल्द : डॉ. धीरज
इधर, स्नेह फाउंडेशान के लिए काम करने वाले शहर के वेटनरी सर्जन डॉ. धीरज कुमार ने बताया कि अपरिहार्य कारणों से कुत्तों का अस्पताल फिलहाल बंद है. लेकिन दो-तीन दिन में कुत्तों के बांध्यकरण का काम शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही सांड़ व अन्य आवारा पशुओं को पकड़ने का काम भी शुरू किया जाएगा. टीम ने इसकी तैयारी कर ली है. पकड़े गए पशुओं को नजदीक के गोशाला में शिफ्ट किया जायेगा. इसपर आने वाला खर्च नगर निगम वहन करेगा.
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