Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट द्वारा छठी जेपीएससी पर फैसले के बाद 326 अधिकारियों के कर्तव्यों को निरस्त कर दिया गया है. कोर्ट के फैसले के बाद जेपीएससी के आंदोलनकारी छात्रों में जश्न का माहौल है. छात्रों ने कहा कि सच की जीत होती है, यह हाईकोर्ट ने प्रमाणित कर दिया है. लोगों की आस्था हाईकोर्ट के प्रति इस फैसले से बढ़ी है. जबकि जेपीएससी की विश्वसनीयता धूमिल हुई है. राज्य भर में जेपीएससी के कारनामों के काले चिट्ठे सबके सामने खुल गए हैं. सभी जेपीएससी की कार्यशैली से नाराज हैं. छात्र नेताओं ने कहा कि अदालत ने बुधवार को जेपीएससी के मामले में सिंगल बेंच के फैसले को बरकरार रखा.
छात्र नेताओं ने क्या कहा, पढ़िए…
छात्र नेता उमेश प्रसाद ने कहा कि न्यायालय ने अपनी महान विरासत को कायम रखते हुए बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. जो विद्यार्थी वर्षों से संघर्ष कर रहे थे, इनके संघर्ष का नतीजा आज हाईकोर्ट ने सुनाया है. इस फैसले से हाईकोर्ट के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है.
जेपीएससी छात्र सेफी इमाम ने कहा कि सरकार जेपीएससी के मुद्दे पर बनती है और जेपीएससी के मुद्दे पर गिरती है. छठी जेपीएससी के फैसले से रघुवर सरकार का अंत हो गया. सातवीं से दसवीं जेपीएससी के फैसले से हेमंत सरकार का अंत हो जाएगा. झारखंड बने 21 वर्ष हो चुके हैं. सभी सरकारों ने छात्र- छात्राओं को ठगने का काम किया है. अब जेपीएससी जैसी भ्रष्ट संस्थान को बंद कर देना चाहिए और अधिकारियों को सस्पेंड कर देना चाहिए.
जेपीएससी छात्र गुलाम हुसैन ने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, पर पराजित नहीं. सरकार सिर्फ विद्यार्थियों को गुमराह करने के लिए बनती है. अब राज्य के युवा सजग हो चुके हैं. जेपीएससी की तर्ज पर पंचायत सचिव अभ्यर्थियों को भी इंसाफ मिलेगा. इस फैसले से सरकार की छवि धूमिल हुई है.
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