Ranchi : बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के अधीन संचालित कॉलेज ऑफ़ फिशरीज साइंस गुमला के स्टूडेंट 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं. जहां छात्रों को खारे पानी में मछलियों पालना सिखाया जा रहा है. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम केन्द्रीय खारा जल जीव अनुसंधान केंद्र काकद्वीप पश्चिम बंगाल में आयोजित हो रहा है. जहां के केंद्र प्रभारी डॉ देवाशीष डे और प्रशिक्षण संचालक डॉ प्रेम कुमार छात्रों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. इसमें मछलियों और झींगा की संस्कृति, जीवित जल जीवों की खाद्य संस्कृति, खारे पानी में सजावटी मछलियों की संस्कृति, खारे जल में मछलियों का पालन, मत्स्य की बीमारी एवं रखरखाव, झींगा का भोजन निर्माण, झींगा के रोगों का निदान और मछली पालन में उपयोगी जैव प्रौद्योगिकी उपकरणों की व्यावहारिक जानकारी दी जा रही है. पढ़ें – कोडरमा : एसडीएम ने आर्या पैथोलॉजी में किया अचौक निरीक्षण, किया सील
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कॉलेज के 28 छात्र-छात्रा कोलकत्ता एवं काकद्वीप का दौरे पर
छात्रों के दल ने काकद्वीप स्थित मछली बाजार और गंगा सागर क्षेत्र का भ्रमण के दौरान जलीय जंतुओं के नमूनों का संग्रह भी किया. कॉलेज के 28 छात्र-छात्राओं यह दल 24 दिवसीय एजुकेशनल टूर पर कोलकत्ता एवं काकद्वीप के दौरे पर है. छात्रों को कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ गुलशन कुमार मार्गदर्शन दे रहे हैं.
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कोलकत्ता में 15 दिवसीय प्रशिक्षण में होंगे शामिल
एसोसिएट डीन डॉ एके सिंह ने बताया कि सभी छात्र आईसीएआर,नई दिल्ली द्वारा अनिवार्य किये गये रेडी प्रोग्राम में रूरल एग्रीकल्चरल वर्क एक्सपीरियंस (रावे) कार्यक्रम के तहत एजुकेशनल टूर पर है. काकद्वीप में प्रशिक्षण के बाद छात्रों का दल सेंट्रल फिशरीज साइंस इंस्टिट्यूट, कोलकत्ता में 15 दिवसीय प्रशिक्षण में शामिल होंगे. यह दल दीघा स्थित विभिन्न सरकारी फिशरीज फार्म के भ्रमण के दौरान व्यावहारिक जानकारी भी हासिल करेंगे.
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