Mumbai : कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की पांचवीं पनडुब्बी आईएनएस वागीर आज सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल की गयी. आईएनएस वागीर का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने फ्रांस के मैसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से किया है. जान लें कि नौसेना अध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में इसे नौसेना में शामिल किया गया.
Vagir is a lethal platform with a formidable weapon package. Vagir is the 3rd submarine inducted into Navy in a span of 24 months. It is also a shining testimony to expertise of our shipyards to construct complex & complicated platforms: Admiral R Hari Kumar, Chief of Naval Staff pic.twitter.com/I29AOCv9dO
— ANI (@ANI) January 23, 2023
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नौसेना के अनुसार, वागीर का अर्थ सैंड शार्क है
भारतीय नौसेना के अनुसार, पनडुब्बी दुश्मन को रोकने की भारतीय नौसेना की क्षमता में इजाफा करके भारत के समुद्री हितों को आगे बढ़ायेगी. यह संकट के समय में निर्णायक वार करने के लिए खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) अभियान के संचालन में भी मददगार साबित होगी. नौसेना के अनुसार, वागीर का अर्थ सैंड शार्क है, जो तत्परता एवं निर्भयता के भाव को प्रतिबिंब करती है.
आईएनएस वागीर बेहतरीन सेंसर और हथियारों से लैस है
नौसेना ने कहा कि आईएनएस वागीर दुनिया के कुछ बेहतरीन सेंसर और हथियारों से लैस है, जिसमें वायर गाइडेड टॉरपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं, जो दुश्मन के बड़े बेड़े को बेअसर कर सकती हैं. नौसेना के अनुसार पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडो को पानी में उतारने की क्षमता है, जबकि इसके शक्तिशाली डीज़ल इंजन बैटरी को काफी जल्दी चार्ज कर सकते हैं.
आत्मरक्षा के लिए इसमें अत्याधुनिक टॉरपीडो डिकॉय सिस्टम लगाया गया है. आईएनएस वागीर को हिंद महासागर में चीनी नौसेना की बढ़ती मौजूदगी के बीच भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है.