NewDelhi : पैंगोंग सो में भारत ने सेना पीछे कर जो पहल के संकेत दिये थे, उसे चीन ने टॉयलेट में फेंक दिया है. भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी मोदी सरकार पर तंज कसते हुए यह बात कही है. भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले साल से जारी तनाव अब तक खत्म नहीं हुआ है.
जान लें कि पूर्व में सैन्य स्तर की बातचीत के बाद दोनों देशों ने पैंगोंग सो से सेना पीछे हटाने पर सहमति जताई थी. लेकिन अन्य इलाकों में अब तक आमना-सामना जारी है. हाल ही में SCO की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री के सामने अन्य इलाकों से भी सेना पीछे करने का मुद्दा उठाया. इस पर चीन की प्रतिक्रिया अभी साफ नहीं है.
Concluded a one-hour bilateral meeting with State Councilor and FM Wang Yi of China on the sidelines of Dushanbe SCO Foreign Ministers Meeting.
Discussions focused on the outstanding issues along the LAC in the Western Sector. pic.twitter.com/YWJWatUErI
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 14, 2021
इसे भी पढ़ें : अफगानिस्तान : तालिबान का फरमान, पुरुषों को दाढ़ी कटाने, स्मोकिंग करने पर रोक, महिलाओं को अकेले निकलना मना है
एस जयशंकर ने चीनी विदेश मंत्री से कहा
एस जयशंकर ने बुधवार को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) से इतर आयोजित बैठक में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति में कोई भी एकतरफा बदलाव भारत को स्वीकार्य नहीं है. साथ ही उन्होंने सैनिकों की पूरी तरह वापसी और पूर्वी लद्दाख में शेष मामलों को जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता पर बल दिया. बता दें कि मंत्रालय ने दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत के बाद बयान जारी कर कहा था कि इस बात पर भी सहमति बनी है कि दोनों पक्ष जमीनी स्तर पर स्थिरता सुनिश्चित करना जारी रखेंगे और कोई भी पक्ष एकतरफा कार्रवाई नहीं करेगा, जिससे तनाव में वृद्धि हो.
इसे भी पढ़ें : प्रधानमंत्री मोदी बाबा विश्वनाथ की नगरी पहुंचे, वाराणसी को कई उपहारों की सौगात मिलेगी
पैंगोंग सो पर पीछे हटना भारत का एकतरफा कदम था
एस जयशंकर ने जोर दिया कि दोनों पक्ष पारस्परिक हितों को ध्यान में रखते हुए पूर्वी लद्दाख में एलएसी से संबंधित शेष मुद्दों के जल्द समाधान की दिशा में काम करें. साथ ही द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन हो जयशंकर और वांग यी की इसी बातचीत को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तंज कसते हुए कहा, विदेश मंत्री का कहना है कि जून 2020 के बाद से दिये गये सारे बयान झूठे थे.
अब विदेश मंत्री कह रहे हैं कि भारत और चीन को पैंगोंग सो में तनाव कम करने के बाद दूसरे इलाकों से तनाव कम करने के लिए आगे बढ़ना चाहिए. पैंगोंग सो पर तो पीछे हटना भारत का एकतरफा कदम था, जिसमें कैलाश रेंज से हटना भी पहल करने का इशारा था. लेकिन चीन ने उस संकेत को टॉयलेट में फेंक दिया है.
इसे भी पढ़ें : गृह मंत्रालय का राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों को आदेश, आईटी एक्ट की धारा 66ए के तहत केस दर्ज न करें
बार-बार हो रही बैठक पर स्वामी ने सरकार को घेरा
स्वामी ने बार-बार भारतीय और चीनी विदेश मंत्री और सैन्य कमांडर स्तर की बैठक को लेकर भी ट्वीट कर मोदी सरकार को घेरा. स्वामी ने इशारों में भारत की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा-इसके बाद विदेश मंत्रियों की जल्द बैठक होगी, जिसके बाद फिर मिलिट्री कमांडरों की बैठक होगी. यह तब तक होगा, जब तक इस प्रक्रिया से घृणा नहीं हो जायेगी.
For Desh hit