Ranchi: राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में स्पोर्टस इंज्यूरी से जुड़ा लिगामेंट का सफल ऑपरेशन किया गया है. ऑपरेशन अस्थिरोग विभाग के डॉ एलबी मांझी के देखरेख में किया गया. ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक डॉ सौभिक दास ने बताया कि स्पोर्टस इंज्यूरी के कारण मेनिसस लिगामेंट में परेशानी आ गयी थी, जिसे ऑपरेशन कर रिपेयर किया गया है. उन्होंने बताया कि अधिकतर मामलों में इसे काटकर हटा दिया जाता है. इस ऑपरेशन के माध्यम से मरीज के खुद के मांस को निकालकर लिगामेंट तैयार किया जाता है और मेनिसकस को धागा से रिपेयर किया जाता है.
यह बहुत ही रेयर केस में किया जाता है. डॉ सौभिक दास ने बताया कि पिछले चार दिनों में दो लोगों का ऑपरेशन किया गया है. जोड़ा तालाब के रहने वाले प्रशांत कुमार दुबे का ऑपरेशन किया गया है, जिसे मंगलवार को छुट्टी दे दी गयी है. डॉक्टरों ने बताया कि इस ऑपरेशन के बाद अगले दिन से ही मरीज चलने लगता है. तीन महीने के बाद दौड़ सकता है. वहीं अगले छह महीने में फिर से खेल के मैदान में वापसी कर सकता है. ऑपरेशन में डॉ एलबी मांझी, डॉ सौभिक दास,डॉ आशीष और डॉ प्रणीत शामिल थे.
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निजी अस्पतालों में डेढ़ से दो लाख इलाज में खर्च
चिकित्सकों के अनुसार निजी अस्पतालों में इस तरह के ऑपरेशन का खर्च करीब डेढ से दो लाख तक आता है. यह खर्च सिर्फ ऑपरेशन का होता है. डॉ सौभिक ने बताया कि रिम्स में यह ऑपरेशन कराने में सामान्य लोगों को महज तीस हजार के आसपास खर्च आता है. आयुष्मान के मरीजों को कोई खर्च नहीं आता. उन्होंने बताया कि जानकारी के आभाव में राज्य के कई मरीज झारखंड से बाहर जाकर पैसा खर्च कर इलाज कराते हैं.
दौड़ने, कुदने और फुटबॉल खेलने वालों को होती है शिकायत
डॉ सौभिक के अनुसार इस तरह की स्पोर्टस इंज्यूरी दौड़ने, जंपिंग करने और फुटबॉल या हॉकी खेलने वालों को होती है. उन्होंने बताया कि इस तरह की समस्या झारखंड में बहुत देखने को मिलती है, क्योंकि यहां फुटबॉल और हॉकी जैसे खेल बहुत लोग खेलते हैं.परेशानी होने पर वे जानकारी नहीं होने के कारण बाहर चले जाते हैं.