Racnhi: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि इस सरकार कि ऐसी सरकार न पहले हुई और न भविष्य में होगी. सीएम से लेकर मंत्री तक अपरिपक्व हैं. झारखंड में मौजूदा सरकार कमजोर और अक्षम है. देश में सबसे कमजोर सरकार झारखंड में है. इस सरकार ने जनता से हर साल 5 लाख नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, गरीब बहनों को हर महीने 2000 रुपये चूल्हा खर्च और बुजुर्गों एवं महिलाओं को 2500 रुपये पेंशन देने का वादा किया था, लेकिन दिया कुछ नहीं. उल्टे 13,000 लोगों की नौकरी छीन ली. वहीं अबुआ राज के मुख्यमंत्री के शासनकाल में सबसे अधिक नारकीय स्थिति आदिवासियों और दलितों की है. रघुवर दास प्रदेश बीजेपी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे.
इसे भी पढ़ें – HC की मौखिक टिप्पणी: झारखंड पुलिस नहीं जानती गिरफ्तारी कानून, सरकार को निर्देश – कराएं कैप्सूल कोर्स
विमान उपलब्ध कराने वाली कंपनी को दे रहे रेडी टू इट का ठेका
रघुवर ने कहा कि सरकार के कमजोर होने के कारण राज्य को बिचौलिये और सिंडिकेट चला रहा है. बीजेपी की सरकार ने सखी मंडलों को रेडी टू ईट बनाने का काम दिया था. लेकिन यह सरकार अब यह काम ठेकेदार को देने जा रही है. अंडमान से प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए जिस कंपनी ने विमान उपलब्ध कराया था, उस कंपनी को यह सरकार रेडी टू इट का ठेका देने जा रही है. वहीं शराब नीति से लेकर छात्रों के लिए साइकिल वितरण के काम ठेके पर दिये जा रहे हैं.
सिर्फ वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति
पूर्व सीएम ने कहा कि यह सरकार वोटबैंक और तुष्टिकरण की राजनीति पर चल रही है. सरकार की पहली ही कैबिनेट में आलगाववादी, देश विरोधी पत्थलगड़ी समर्थकों पर दर्ज मुकदमे वापस लिये गये. झारखंड की आदिवासी संस्कृति को खत्म करने की साजिश के तहत यह फैसला लिया गया. उन्होंने कहा कि आदिवासियों की सरकार होने का दावा करने वाली इस सरकार के सीएम बताएं कि 2 साल में कितने सरना, मरना और धुमकुड़िया बनाये गये. सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर कितने विदेश धर्म के अड्डे बने. रघुवर ने कहा कि इस सरकार में बांग्लादेशी घुसपैठ तेज हो गया है. बांग्लादेश के लोग गोड्डा, साहेबगंज, पाकुड़ जैसे जिलों में आदिवासी महिलाओं के साथ शादी कर उनकी संपत्ति हड़प रहे हैं.
इस सरकार में आखिर मॉब लिंचिंग की क्या है परिभाषा
रघुवर दास ने कहा कि इस सरकार के सत्ता में आते ही राज्य की विधि-व्यवस्था ध्वस्त हो गई. सरकार गठन के डेढ़ महीने बाद ही पश्चिम सिंहभूम में 7 आदिवासियों का नरसंहार हुआ. लोहरदगा में दंगे करवाये गये. सिदो-कान्हू के वंशज की हत्या हुई. महिला दारोगा रूपा तिर्की की हत्या हुई. 10 से ज्यादा मॉब लिंचिंग की घटना हुई, जिसमें 6 की मौत और 13 लोग घायल हुए हैं. इस सरकार में आखिर मॉब लिंचिंग की परिभाषा क्या है. क्या कोई मुसलमान मारा जाए तो उसे ही मॉब लिंचिंग कहेंगे. रघुवर ने कहा कि एक हफ्ते बाद वे कई और खुलासे करेंगे.
इसे भी पढ़ें –मुर्री बर्फबारी में 23 की मौत पर पाक मंत्री का शर्मनाक बयान, कहा – कॉमन सेंस लगाएं,घर पर स्नो स्प्रे ही कर लें