Ramgarh: रामगढ़ में रविवार को अंजुमन फरोग ए उर्दू की जिला स्तरीय बैठक हुई. बैठक फातिमा गर्ल्स हाई स्कूल में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता मुफ्ती इजहार अहमद ने की और संचालन मौलाना कलीमुद्दीन रिजवी ने किया. बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में गुलजार अहमद शामिल हुए. गुलजार अहमद ने कहा कि अविभाजित बिहार के समय से ही उर्दू दूसरी राजभाषा रही है और उर्दू शिक्षा की सुविधा प्रदान की जाती रही है. लेकिन आज स्थिति यह है कि झारखंड के सभी सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षा की सुविधा देने की बात तो दूर उर्दू माध्यम के सरकारी स्कूलों में भी इसकी पढ़ाई नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि उर्दू के साथ ऐसा अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इसे भी पढ़ें- हिजाब विवाद पर पाकिस्तानी राष्ट्रपति अमेरिकी प्रोफेसर Noam Chomsky के कदमताल पर, कहा, मुस्लिमों के mob massacre की ओर भारत
उर्दू की किताबें सभी उर्दू छात्रों को उपलब्ध कराई जाय
मुफ्ती इजहार अहमद ने कहा कि सभी सरकारी स्कूलों में जहां दस से अधिक उर्दू छात्र हैं, वहां कम से कम एक उर्दू शिक्षक होना चाहिए. लेकिन स्थिति यह है कि आज उर्दू माध्यम के कुछ सरकारी स्कूलों में एक भी उर्दू शिक्षक नहीं है. उन्होंने मांग किया कि उर्दू की किताबें सभी उर्दू छात्रों को उपलब्ध कराई जाय. जिले के स्कूलों में उर्दू शिक्षा की स्थिति का डाटा तैयार कर केंद्रीय समिति को भेजा जाएगा. बैठक में गुलजार अहमद, मुफ्ती इजहार अहमद, मौलाना कलीमुद्दीन रिजवी, रामगढ़ जिला प्रभारी एहसान अंसारी, रामगढ़ जिला संयोजक हारून रशीद, मांडू प्रखंड प्रभारी अब्दुल अजीज, संयोजक मौलाना वाजिद अली कादरी, चितरपुर प्रखंड प्रभारी मोअज्जम अली सिद्दीकी, दुलमी प्रखंड संयोजक अब्दुल जिलानी, रईस खान, मास्टर इम्तियाज और अनवर अंसारी मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें- IPL Auction 2022: 5 भारतीय खिलाड़ियों पर टीमों ने लुटाए 63 करोड़ रुपए