Ranchi : पिछले साल आई कोरोना की दूसरी लहर को तो देशवासी अबतक नहीं भूल पाए होंगे. भूलेंगे भी भला कैसे, इस लहर ने देश में ऐसा कहर मचाया था कि उसकी याद करके भी मन सिहर उठता है. इस लहर में समूचा हेल्थकेयर सिस्टम ही घुटनों पर आ गया था और व्यवस्था एकदम ध्वस्त हो गई थी. स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से दूसरी लहर में अगर सबसे अधिक किसी चीज ने रुलाया था तो वह था प्राणवायु यानि ऑक्सीजन की कमी. दूसरी लहर के दौरान सबसे अधिक जान ऑक्सीजन की कमी के कारण ही हुई. दूसरी लहर में ऑक्सीजन के लिए अभूतपूर्व मारामारी दिखी. इसी को देखते हुए पीएम मोदी ने देशभर के सभी जिलों में पीएम केयर्स फंड से ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने का फैसला लिया था. इसके तहत इन जिलों में तीन महीने में प्लांट लगाकर उन्हें शुरू करना था. झारखंड में भी कई जिलों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम शुरू हुआ. कई स्थानों पर प्लांट शुरू भी हुए, मगर दूसरी लहर के एक साल बीत जाने के बाद भी राज्य में ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना में वह पैनामन और चुस्ती नहीं दिख रही, जो होनी चाहिए. शुभम संदेश की टीम ने सूबे के ऑक्सीजन प्लांट की मौजूदा स्थिति का आकलन किया है. प्रस्तुत है विस्तृत रिपोर्ट. जरूर पढ़ें अपने प्रिय अखबार शुभम संदेश के आज के अंक में.