Bali : इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी दीया मुटियारा सुकमावर्ती सुकर्णोपुत्री(Sukmawati Sukarnoputri) द्वारा 70 साल की उम्र में इस्लाम धर्म छोड़ कर हिंदू धर्म अपनाये जाने की खबर है. सुकमावर्ती सुकर्णोपुत्री ने कल मंगलवार को अपने 70वें जन्मदिन पर बाली में एक धार्मिक आयोजन सुधी वादानी(Sudhi Wadani) में हिदू धर्म स्वीकार किया. बाली इंडोनेशिया का सबसे ज्यादा हिंदू आबादी वाला राज्य है. यहां कई हिंदू मंदिर हैं.
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सुकमावती ने कानजेंग गुस्ती पैंगेरन आदिपति आर्या मांगकुनेगरा IX से निकाह किया था
सुकमावती ने कानजेंग गुस्ती पैंगेरन आदिपति आर्या मांगकुनेगरा IX से निकाह किया था. 1984 में अपने पति से तलाक लेने के बाद राजनीति में आयी. सुकमावती इंडोनेशिया के फाउंडिंग प्रेसिडेंट सुकर्णो और उनकी पत्नी फातमावती की तीसरी बेटी हैं. वे इंडोनेशिया की पांचवीं राष्ट्रपति मेगावती सोकर्णोपुत्री की बहन हैं. सुकमावर्ती ने इंडोनेशियन नेशनल पार्टी (PNI) की स्थापना की थी. खबरों के अनुसार सुकमावती ने हिंदू धर्म को अपनाने का फैसला अपनी स्वर्गीय बालिनी दादी इडा आयु न्योमन राय श्रीम्बेन (1881-1958) से प्रभावित होकर लिया.
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सुकमावती की स्वर्गीय दादी हिंदू धर्म में विश्वास रखती थीं
धार्मिक कार्यक्रम सुधी वादानी बाली के बाले आगुंग सिंगाराजा जिले में सुकर्णो हेरिटेज सेंटर में हुआ. जान लें कि कुछ दिन पहले सुकमावती के वकील ने उनके इस फैसले के बारे में सबको जानकारी दी थी. सुकमावती की स्वर्गीय दादी इदा अयू नयोमान राई श्रीमबेन भी हिंदू धर्म में विश्वास रखती थीं. इसी वजह से सुकमावती ने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया.
सुकमावती 3 साल पहले उस समय चर्चा में आयी थीं, जब 2018 में सुकमावती की एक कविता को लेकर इस्लामिक संगठनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. बता दें कि इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है. दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों में अगर सबसे अधिक मुस्लिम हैं, तो वो इंडोनेशिया में ही हैं. OKzone.com के अनुसार सुकामावती के हिंदू धर्म अपनाने को लेकर उनके परिजन खुश हैं. उनके भाई-बहनों के अलावा बच्चों ने भी उनका सपोर्ट किया है.