New Delhi : हिंडनबर्ग रिसर्च को लेकर एक बड़ी खबर सामने आयी है. सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को सत्य बयान के तौर मानने से इनकार कर दिया. SC ने कहा, हिंडनबर्ग रिपोर्ट की सत्यता परखने का कोई साधन नहीं है, जिस कारण उसने(कोर्ट) SEBI से इस मामले की जांच करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
याचिका दायर करने वालों ने बाजार नियामक SEBI की गतिविधियों को संदिग्ध करार दिया
बता दें कि आज शुक्रवार को हिंडनबर्ग रिसर्च और अडानी ग्रुप (Adani Group) मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hinenburg Report) में हुए खुलासे को लेकर याचिकाकर्ता द्वारा दायर याचिका पर SC के बेंच ने कहा कि हमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट को तथ्यात्मक तौर से सही मानने की आवश्यकता नहीं है. कहा कि सेबी इसकी जांच कर रही है. हालांकि याचिका दायर करने वालों ने बाजार नियामक SEBI की गतिविधियों को संदिग्ध करार दिया. दलील दी कि उनके(SEBI) पास 2014 से ही पूरी डिटेल है.
सेबी (SEBI) की जांच पर संदेह करने वाले साक्ष्य कहां हैं?
दावा किया कि खुफिया निदेशालय (DRI) ने 2014 में सेबी अध्यक्ष के साथ पूरी डिटेल शेयर की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने याचिकाकर्ता से पूछा कि सेबी (SEBI) की जांच पर संदेह करने वाले साक्ष्य कहां हैं? यह सवाल कोर्ट ने इसलिए पूछा, जब याचिकाकर्ताओं ने कहा कि सेबी ने जांच पूरी कर ली है, लेकिन खुलासा नहीं किया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि हम जांच से पहले सेबी की जांच का आकलन किस प्रकार कर सकते हैं. सेबी की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया किसेबी के खिलाफ एक अवमानना याचिका दायर की गयी थी. बताया कि केवल 10 दिनों की देर में जांच पूरी कर ली गयी है.