NewDelhi : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला सिर्फ पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के लिए ही नहीं, बल्कि सभी राज्यपालों के लिए फटकार है. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को 19 और 20 जून को आयोजित संवैधानिक रूप से वैध सत्र के दौरान विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
The judgement of the Supreme Court on the Governor’s powers is a stern rebuke to not only the Governor of Punjab but to all Governors
Mr R N Ravi, Governor of TN, should read every line of the judgement and, if he thinks it necessary, call a competent senior advocate to explain…
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 24, 2023
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को फैसले की प्रत्येक पंक्ति पढ़नी चाहिए
न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि राज्यपाल की शक्ति का उपयोग कानून बनाने के सामान्य रास्ते को बाधित करने के लिए नहीं किया जा सकता. पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम ने एक्स’ पर पोस्ट किया, राज्यपाल की शक्तियों पर उच्चतम न्यायालय का फैसला न केवल पंजाब के राज्यपाल के लिए, बल्कि सभी राज्यपालों के लिए कड़ी फटकार है. उन्होंने कहा, तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि को फैसले की प्रत्येक पंक्ति पढ़नी चाहिए और यदि वह आवश्यक समझते हैं, तो एक सक्षम वरिष्ठ वकील को फैसले को समझाने के लिए बुलायें.
राज्यपाल बिना कार्रवाई के अनिश्चितकाल के लिए विधेयकों को लंबित नहीं रख सकते
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल बिना कार्रवाई के अनिश्चितकाल के लिए विधेयकों को लंबित नहीं रख सकते. CJI डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने पंजाब सरकार की एक याचिका पर 10 नवंबर के अपने आदेश में कहा, राज्य के गैर निर्वाचित प्रमुख के तौर पर राज्यपाल संवैधानिक शक्तियों से संपन्न होते हैं. लेकिन इन शक्तियों का इस्तेमाल राज्य विधानमंडलों द्वारा कानून बनाने की सामान्य प्रक्रिया को विफल करने के लिए नहीं किया जा सकता.