New Delhi/Patna : सुप्रीम कोर्ट ने राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुना दी है. प्रभुनाथ सिंह को 1995 में हुए डबल मर्डर केस में यह सजा मिली है. बता दें कि 18 अगस्त को SC द्वारा उन्हें दोहरे हत्याकांड में दोषी करार दिया गया था.
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निचली अदालत और पटना उच्च न्यायालय का फैसला पलटा
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता में शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 18 अगस्त को सिंह को हत्या के मामले में बरी करने के निचली अदालत और पटना उच्च न्यायालय के फैसलों को पलटते हुए सिंह को दोषी करार दिया था.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने सजा के लिए दलीलों पर सुनवाई के बाद दोषी सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई. पीठ ने कहा कि आदेश की विस्तृत जानकारी शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जायेगी.
परिजनों को 10-10 लाख देने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने हत्याकांड में मारे गये दोनों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने का आदेश प्रभुनाथ सिंह और बिहार सरकार को दिया है. घटना में घायल हुए एक व्यकित को 5 लाख रुपये देने का आदेश हुआ है.
प्रभुनाथ सिंह पर दो लोगों की हत्या कराने का आरोप था
इस केस में दिलचस्प बात यह है कि पूर्व सांसद को निचली अदालत ने बरी कर दिया था. हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले पर मुहर लगा दी थी. मामले की तह में जायें तो 1995 में छपरा के मसरख में राजेंद्र राय और दारोगा राय नामक दो लोगों की हत्या हुई थी. आरोप था कि प्रभुनाथ सिंह ने उनके कहे अनुसार वोट न डालने पर दोनों की हत्या करा दी थी. प्रभुनाथ सिंह बिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट से तीन बार जदयू और एक बार राजद के टिकट पर सांसद रह चुके हैं.