New Delhi : कोरोना काल में अगर किसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, तो वो हैं शिक्षा. लगभग दो साल से देशभर के स्कूल बंद पड़े है. बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है. लेकिन देश की एक बड़ी आबादी इस ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित है. गरीब होने के कारण बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं है. जिस कारण वो ऑनलाइन क्लास नहीं कर पा रहे है. हालांकि कई राज्यों ने पिछले माह से स्कूल खोलने की इजाजत दी है. जहां 10 वीं और 12 वीं के छात्र ऑफलाइन क्लास कर रहे है. पिछले साल भी सिर्फ 10 वीं और 12 वीं की कक्षा ही ऑफलाइन हो पायी थी. छोटी कक्षाओं अभी भी ऑनलाइन चल रही है. जिसे देखते हुए 15 राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में एक सर्वे किया गया.
गरीब परिवार के बच्चों को काफी नुकसान हुआ है
सर्वे में पाया गया कि 97 प्रतिशत अभिभावक चाहते हैं कि देश में जल्द -से-जल्द छोटी कक्षाओं के भी स्कूल खोल दिये जाये. इस सर्वे में अर्थशास्त्री, शोधकर्ता के साथ 100 वॉलंटियर शामिल थे. इस सर्वें में 1400 स्कूली छात्रों को शामिल किया गया था. सर्वें में पाया गया कि ऑनलाइन क्लास होने से गरीब और वंचित परिवार के बच्चों के काफी नुकसान हुआ है.
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शब्दों को पढ़ने और लिखने में बच्चें असमर्थ
सर्वें में 1400 स्कूली छात्रों को शामिल किया गया था. जिसमें पाया गया कि आधे बच्चे कुछ शब्दों को पढ़ने में असमर्थ है तो कुछ शब्दों के लिखने में असमर्थ है. सर्वें में शामिल बच्चों के माता- पिता का मानना है कि स्कूल जाने से बच्चों में पढ़ने और लिखने की क्षमता विकसित होती है. जो ऑनलाइन क्लास में नहीं हो पा रहा हैं. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद ही वो अपने बच्चों के बेहतर भविष्य की कल्पना कर पायेंगे.
ग्रामीण क्षेत्रों के मात्र 8 प्रतिशत ही कर रहे ऑनलाइन क्लास
बता दें कि इस सर्वें की शुरूआत अगस्त माह में हुई थी, जिसमें यह खुलासा हुआ की ग्रामीण क्षेत्रों के मात्र 8 प्रतिशत बच्चे ही रेगुलर ऑनलाइन क्लास कर पा रहे है. जब कि 37 प्रतिशत बच्चे ऐसे है जो कोरोना काल में स्कूल बंद होने के बाद से पढ़ाई ही नहीं की. जिसका सबसे बड़ा कारण परिवार की आर्थिक स्थिति बतायी जा रही है. 37 प्रतिशत बच्चों के पास तो स्मार्ट फोन ही नहीं है. वहीं शहरी इलाकों में भी मात्र 31 प्रतिशत बच्चें ही ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे है.
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि सबसे ज्यादा असम, बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है. इन राज्यों के बच्चे ऑनलाइन कक्षाओं तक नहीं पहुंच पा रहे है. जिसे लेकर सरकार की तरफ से भी स्कूलों के अलावा किसी दूसरे तरीके से पढ़ाने की व्यवस्था नहीं है.
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