Patna: बिहार में मद्य निषेध उत्पाद और निबंधन विभाग ने शराबबंदी को लेकर सर्वेक्षण कराया था. इसका उद्देश्य यह जानना था कि बिहार में शराबबंदी को कितना समर्थन है. इसमें चौंकाने वाली जानकारी मिली है. 2016 में राज्य में शराबबंदी लागू की गई थी. इसके बाद से प्रदेश में लगभग 1 करोड़ 82 लाख लोगों ने शराब छोड़ दी. सर्वे को जीविका और चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के पंचायती राज चेयर ने संयुक्त रुप से किया. सरकार की ओर से यह रिपोर्ट 21 फरवरी को जारी की गई.
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आपको बता दें कि शराबबंदी को लेकर ये रिपोर्ट कोई पहली रिपोर्ट नहीं है, बल्कि तीसरी सर्वे रिपोर्ट है. इससे पहले साल 2017 में ADRI और जगजीवन राम रिसर्च इंस्टीट्यूट की मदद से सोशल सर्वे कराया गया था. ताजा सर्वे को और प्रभावशाली बनाने के लिए इस का दायरा बढ़ाया गया था. इस बार 10,22,467 लोगों से बातचीत की गई. उनसे शराबबंदी को लेकर सर्वे किया गया. इस सर्वे के लिए बिहार के सभी 38 जिलों में काम किया गया. बड़ा सर्वे होने के कारण 1 लाख 15 हजार जीविका समूहों में से 10 हजार लोगों को चुना गया. इन लोगों के जरिए 98 फीसदी पंचायतों और 90 प्रतिशत गांव में सर्वे कराया गया. सर्वे में एक और बड़ी बात की जानकारी मिली कि जो लोग शराबबंदी के पहले शराब पीते थे, उनमें से 96% लोगों ने शराब को बिल्कुल छोड़ दिया.
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