Arvind Singh
Tamar : शनिवार को कोठाड़ीह गांव के समीप आठ-नौ जंगली हाथियों की चपेट में आई विवाहित महिला की पहचान कर ली गयी है. उसका शव 12 घंटे बाद हाथियों के बीच से निकाला गया.जानकारी के अनुसार मृत्तक महिला का नाम अठारह वर्षीय नव विवाहिता गांगी देवी बताया जाता है, जो थाना क्षेत्र के ही रुगड़ी गांव निवासी गोराचांद मुंडा की पत्नी थी. बताया जाता है वह पैदल ही कोठाडीह के रास्ते ससुराल से अपने मायके सेकरेडीह गांव जा रही थी. इस दौरान कोठाडीह स्थित पलास जंगल के बीच सरकारी तालाब के समीप पगडंडी पर जंगली हाथियों की जद में आकर घिर गयी. जंगली हाथियों ने उसे कुचल कर मार डाला. इस दौरान हाथियों के भयानक चिंघाड़ने की आवाज से लोगों को किसी अनहोनी खतरे का आभास हो गया था.
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महिला ने मदद के लिये आवाज लगायी थी
महिला ने भी मदद के लिए जोर-जोर से आवाज लगाई थी, मगर आक्रोशित जंगली हाथियों से वह बच नही पायी. लोगों को घटना घटित होने के खतरे का आभास तत्काल हो चुका था, मगर किसी ने घटना स्थल तक जाने की हिम्मत जुटा नहीं पायी. बताया जाता है कि घटना को अंजाम देने के बाद हाथियों का समूह महिला के शव के आसपास रातभर बैठा रहा. इसकी जानकारी वन विभाग तमाड़ और पुलिस को शनिवार को ही दे दी गयी थी, किन्तु शव लेने कोई भी जिम्मेदार अधिकारी नही पहुंचे. रविवार को क्षेत्र के वनपाल दिलीप मुंडा और वनरक्षी विजय तिर्की एवं पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और विधायक प्रतिनिधि ऋषिकेश महतो के हाथों मृत्तका के पति गोराचांद मुंडा को मुआवजे के तौर पर अग्रिम पचास हजार की नगद राशि सौंपी गयी. इस घटना के बाद आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों में दहशत फैल गया है.