Ranchi: सिविल सर्जन कार्यालय में सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा एवं विश्व स्तनपान सप्ताह को लेकर राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ. विश्व स्तनपान सप्ताह परे विश्व में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए एवं वैश्विक अभियान के रूप में प्रत्येक वर्ष 1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाया जाता है. साथ ही 1 अगस्त से 14 अगस्त तक गहन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जा रहा है. जिसके तहत 0-5 वर्ष के सभी बच्चों को ओआरएस और जिंक टैबलेट का वितरण किया जाएगा. इस वर्ष राजधानी रांची में 2,78,244 बच्चों को ओआरएस और जिंक की गोली देने का लक्ष्य है.
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर निदेशक प्रमुख डॉ कृष्णा कुमार मौजूद थे. उन्होंने बताया कि डायरिया कन्ट्रोल कार्यक्रम 1974 से शुरू किया गया है. इसके तहत डायरिया से होने वाले शिशु मृत्यु दर को बहुत हद तक कम किया गया है. उन्होंने कहा कि शिशु मृत्यु का तीन मुख्य कारण डायरिया, निमोनिया और जन्मजात परेशानी है. डायरिया को रोकने में जीवन रक्षक घोल यानि ओआरएस बहुत जरूरी है.
ओआरएस का घोल ही डायरिया से बचाता है
वहीं सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार ने बताया की 0-5 वर्ष के बच्चों के लिए डायरिया काफी खतरनाक साबित होता है. यदि सावधानी नहीं बरती गई तो यह जानलेवा भी हो सकता है. ओआरएस का घोल ही है जो बच्चों को डायरिया से बचाता है. उन्होंने स्तनपान को लेकर कहा कि सामान्य और सी सेक्शन दोनों तरह की डिलीवरी में शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराया जाना बच्चों के सम्पूर्ण विकास एवं बिमारी से बचाव के लिए जरूरी है.
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वहीं डॉ शशिभूषण खलखो ने बताया कि डायरिया होने पर बच्चों को 1 लीटर साफ पानी में या उबाला हुआ पानी में एक पैकेट ओआरएस का पाउडर डालकर घोल तैयार करके थोड़ी-थोड़ी देर में देते रहना चाहिए.