New Delhi : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क परिवहन में नियमों में कुछ बदलाव और प्रस्तावों की घोषणा की है. इस नये बदलाव से वाहन मालिकों के साथ-साथ कैब यात्री भी प्रभावित होंगे.सड़क परिवहन मंत्रालय ने ओला, उबर जैसी ऐप बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर्स के लिए नयी गाइडलाइंस Motor Vehicle Aggregator Guidelines 2020 जारी कर दी है. इस गाइडलाइंस के तहत कोई भी टैक्सी एग्रीगेटर अब अपने ग्रहाकों से मनमाना किराया नहीं वसूल पाएगें.
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पिक आवर में बेस फेयर से डेढ़ गुना से ज्यादा नहीं वसूल पाएंगे
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने नयी गाइडलाइंस में तय किया है कि पीक आवर में भी ओला, उबर का किराया बेस फेयर से डेढ़ गुना से ज्यादा नहीं हो सकता है. सरकार की नयी गाइडलाइंस के बाद ओला, उबर जैसे एग्रीगेटर्स के लिए लाइसेंस जरूरी हो गया है. अब ड्राइवर को किराये का 80 फीसदी पैसा मिलेगा. इसके बाद एग्रीगेटर 20 फीसदी से ज्यादा चार्ज नहीं कर सकेगा. इसमें बेस किराया 3 किलोमीटर का होगा. नये नियमों में यह बात भी कही गई है कि एग्रीगेटर बेस किराये पर 50 फीसदी तक छूट दे सकता है. एग्रीगेटर सिर्फ 1.5 गुना सरचार्ज वसूल सकता है. ड्राइवर ट्रिप रद्द करता है तो किराए का 10 फीसदी देना होगा.
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गाड़ियों के लिए नॉमिनी जरूरी
परिवहन मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है. नए नियम के तहत वाहन का मालिक रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट में किसी एक व्यक्ति को नामित कर सकेगा. गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के समय ही नॉमिनेशन सुविधा दिये जाने का प्रस्ताव है. इससे अगर गाड़ी के मालिक की मृत्यु हो जाती है तो वाहन को उसके नॉमिनी को ट्रांसफर करने में मदद मिलेगी.
विंटेज गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन – मंत्रालय ने विंटेज मोटर वाहनों से संबंधित Central Motor Vehicle Rules (CMVR) 1989 के तहत सुझाव मांगे हैं. सरकारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि अभी विंटेज गाडियों के रजिस्ट्रेशन को लेकर कोई नियम नहीं है. लिहाजा एक फॉर्मल रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस शुरू करने की जरूरत है. कोई भी मोटरसाइकिल या कार जो 50 साल या इससे ज्यादा पुरानी है तो उसे विंटेज मोटर वेहिकल कहने का प्रस्ताव है.
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