तीन विवि के 10 हजार बीएड डिग्रीधारी सहित एक लाख स्टूडेंट्स परेशानी में फंसे
Rajnish Prasad
Hazaribagh / Ranchi / Dhanbad : राज्य के रांची विश्वविद्यालय सहित विनोबा भावे विवि और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि से साइंस स्ट्रीम से ऑनर्स उत्तीर्ण लगभग 1 लाख स्टूडेंट्स परेशान हैं. इनमें से 10 हजार स्टूडेंट्स वैसे भी हैं, जिन्होंने ऑनर्स के साथ बीएड की डिग्री हासिल कर ली है, लेकिन डिग्री होने के बावजूद शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे. ऐसे छात्र न तो झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) और न ही नवोदय विद्यालय समिति व केंद्रीय विद्यालय समिति की ओर से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ली जानेवाली प्रतियोगी परीक्षा में शामिल हो पाएंगे. रांची विवि, विनोबा भावे विवि और बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि से साइंस में स्नातक ऑनर्स की पढ़ाई करने वाले छात्रों ने जिस विषय में ऑनर्स लिया था, उन्हें ऑनर्स पेपर के साथ एक ही सब्सिडियरी पेपर का ऑप्शन दिया गया था.
इसे भी पढ़ें :कानपुर : कपड़ा बाजार धू- धू कर जला, 600 से भी अधिक दुकानें जलकर खाक, सेना-फायर ब्रिगेड ने मोर्चा संभाला
सब्सिडियरी के दो विषय की पढ़ाई करनी थी, एक ही विषय का ऑप्शन मिला
यदि किसी छात्र ने केमिस्ट्री से ऑनर्स विषय लिया, तो उसे सब्सिडियरी विषय के रूप में बॉटनी या जूलॉजी में से एक ही विषय दिया गया. जबकि सब्सिडियरी विषय के रूप में यदि उसे दोनों विषय दिया गया होता, तो वह प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होने की पात्रता हासिल कर लेते. लेकिन ऐसे हुआ नहीं. ऐसी ही स्थिति बॉटनी, जूलॉजी, फिजिक्स और मैथ्स ऑनर्स की पढ़ाई करनेवालों के साथ है. अब ऐसे छात्रों में से जिन्होंने स्नातकोत्तर (पीजी) और नेट क्वालीफाई किया हो, उनके समक्ष सहायक प्रोफेसर के लिए नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने का विकल्प बचता है.
अर्थशास्त्र ऑनर्स करनेवाले स्टूडेंट्स भी फंसे
रांची विवि सहित तीनों विवि से अर्थशास्त्र में स्नातक ऑनर्स के स्टूडेंट्स भी सब्सिडियरी विषय के चक्कर में फंस गए. उन्हें सब्सिडियरी विषय के रूप में अप्लायड इकोनॉमिक्स व बिजनेस इकोनॉमिक्स सब्सिडियरी विषय के रूप में पढ़ाना चाहिए था, लेकिन एक ही विषय का ऑप्शन मिला, जिससे इनका भी मामला फंस गया है. अब ऐसे स्टूडेंट्स विवि का चक्कर लगा रहे हैं और आश्वासन पाकर लौट जा रहे हैं. विवि प्रशासन उनके लिए कुछ कर नहीं रहा, बल्कि कोरा आश्वासन देकर उन्हें टरका दे रहा है.
इसे भी पढ़ें : चिंतनीय : झारखंड में सूखे की चपेट में 38% भू-भाग
किस-किस सत्र के ऑनर्स स्टूडेंट्स का मामला फंसा
विवि का नाम : सत्र
रांची विवि : 2017-2020
2018-2021
वीबीयू: 2015-2018
2016-2019
2017-2020
2018-2022
बीबीएमकेयू : 2017-2020
2018-2021
2019-2022
क्या हुआ रांची विवि के कुलपति का वादा
रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा के समक्ष 28 फरवरी को मिलने गए स्टूडेंट्स ने अपनी समस्या रखी थी. उन्हें बताया था कि ऑनर्स की पढ़ाई के दौरान सब्सिडियरी पेपर के ऑप्शन की वजह से उन्हें परेशानी हुई है. वे शिक्षक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह जाएंगे. ऐसे में उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा. तब कुलपति डॉ. सिन्हा ने स्टूडेंट्स को भरोसा दिलाया था कि उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए मार्च में स्पेशल परीक्षा ली जाएगी. 15 दिनों का क्लास भी परीक्षा से पहले कराया जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका, जिससे छात्र परेशान हैं.
कुलपति बोले- अप्रैल में स्पेशल क्लास, परीक्षा ली जाएगी
कुलपति डॉ. अजीत कुमार सिन्हा से जब ऑनर्स स्टूडेंटस की परेशानी को लेकर बात की गयी, तो उन्होंने कहा कि उनकी समस्या को लेकर विवि प्रशासन गंभीर है. मार्च में स्पेशल क्लास और परीक्षा लेने का वादा किया था, लेकिन अपरिहार्य कारणों से ऐसा नहीं हो पाया. लेकिन अप्रैल महीने में हर हाल में ऐसे स्टूडेंट्स की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा. किसी का भी भविष्य बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा.
इसे भी पढ़ें : 100 करोड़ मिड डे मील घोटाला: संजय तिवारी ने नहीं किया सरेंडर, ED कोर्ट से वारंट जारी