New Delhi : अगला टी-20 वर्ल्डकप 2022 में ही होना है, यानी सिर्फ 11 महीने बाद ऑस्ट्रेलिया में नए वर्ल्डकप के लिए टीमें आमने-सामने होंगी. नए कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती है कि तमाम गलतियों को दूर करते हुए 11 महीने में ऐसी टीम तैयार की जाए, जो टी-20 वर्ल्डकप जीत जाए और सिर्फ ग्रुप-स्टेज तक सफर ना करे. एक भरपूर शेड्यूल के बीच खेली गई इस टी-20 सीरीज में भारत ने जीत तो हासिल कर ली, लेकिन न्यूजीलैंड भी एक थकी हुई टीम थी जो हाल ही में टी-20 वर्ल्डकप का फाइनल खेलकर पहुंची थी. लेकिन अगर इस सीरीज से भारत के लिए कुछ अच्छा हुआ है, तो वो क्या है.
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क्या खत्म हुई ऑलराउंडर की तलाश
टी-20 वर्ल्डकप में हार्दिक पंड्या की फिटनेस ने धोखा दिया, पहले वो आईपीएल में बॉलिंग नहीं कर पाए और बाद में टी-20 वर्ल्डकप में भी आधे-अधूरे तरीके से ही गेंदबाजी की. बतौर बल्लेबाज उन्हें टीम में जगह मिली, जिसका टीम इंडिया को घाटा उठाना पड़ा. यही वजह थी कि न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से हार्दिक पंड्या का पत्ता कटा, आने वाले साउथ अफ्रीका दौरे के लिए भी उनके चयन पर अभी संशय है. ऐसे में भारतीय टीम में तीन तेज गेंदबाजों की एंट्री हुई, जिन्होंने आईपीएल में अपना धमाल दिखा. कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए खेलने वाले वेंकटेश अय्यर, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेलने वाले हर्षल पटेल और चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलने वाले दीपक चाहर ने टी-20 सीरीज में अपना जलवा बिखेरा.
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हर्षल पटेल ने तीसरे टी-20 में बल्लेबाजी में अपना दम दिखाया
वेंकटेश अय्यर तो केकेआर के लिए ओपनिंग करते थे, लेकिन भारतीय टीम में वो मिडिल-ऑर्डर बल्लेबाज और फिनिशर के रूप में आगे आते दिखे. साथ ही उन्होंने कुछ ओवर भी डाले. वेंकटेश के अलावा दीपक चाहर और हर्षल पटेल ने तीसरे टी-20 में बल्लेबाजी में अपना दम दिखाया और तेजी से रन बटोरे. वहीं बॉलिंग में तो दोनों पहले ही पावरप्ले में शानदार बॉलिंग करते हैं, हर्षल पटेल ने अपने डेब्यू में ही प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड जीता था.
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