LagatarDesk : टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोलकाता कोर्ट ने मोहम्मद शमी को अपनी पत्नी हसीन जहां को हर महीने 1,30,000 गुजारा भत्ता (एलिमनी) देने का आदेश दिया है. हसीन जहां को दिये गये 1,30,000 गुजारा भत्ता में 50000 रुपये व्यक्तिगत और 80,000 बेटी के रखरखाव के लिए है. (पढ़ें, 25 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही हैं पठान, एडवांस बुकिंग में रिकॉर्ड तोड़ रही फिल्म)
हसीन ने 10 लाख मासिक भत्ता की मांग की थी
हसीन की वकील मृगांका मिस्त्री ने कोर्ट में कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए मोहम्मद शमी की आय 7 करोड़ रुपये से अधिक थी. इस आधार पर उनकी मुअवकील ने 10 लाख रुपये का गुजारा भत्ता की मांग की. जो अनुचित नहीं था. हालांकि शमी के वकील सेलिम रहमान ने दावा किया कि हसीन जहां पेशे से मॉडल है और इससे वो अच्छा-खासा पैसा कमा रही हैं. इसलिए 10 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता मांगना उचित नहीं है . दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने मासिक गुजारा भत्ता की राशि 1.30 लाख रुपये तय कर दी.
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2018 में हसीन ने मोहम्मद शमी पर लगाये थे गंभीर आरोप
बता दें कि हसीन जहां ने साल 2018 में अपने पति मोहम्मद शमी पर मैच फिक्सिंग, दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा जैसे कई गंभीर आरोप लगाये थे. हालांकि इन सब मामलों को शमी ने झूठा करार दिया था. विवाद के बाद दोनों ही एक दूसरे से अलग हो गये थे. जिसके बाद मोहम्मद शमी की पत्नी ने कोर्ट में मुकदमा दायर कर 10 लाख रुपये के मासिक भत्ते की मांग की थी. जिसमें 7 लाख रुपये उनका व्यक्तिगत होगा. वहीं बेटी के रखरखाव के लिए 3 लाख रुपये की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने अब जाकर फैसला सुनाया है.
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