Ranchi : टेरर फंडिंग केस से जुड़े आरोपियों को झारखंड हाईकोर्ट ने राहत देने से इंकार कर दिया है. जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी NIA ने टेरर फंडिंग मामले में एनआईए द्वारा दूसरी चार्जशीट में बनाये गये एक आरोपी महेश अग्रवाल को गिरफ्तार भी कर लिया है. महेश अग्रवाल आधुनिक कंपनी के डायरेक्टर थे और उन पर नक्सलियों और प्रतिबंधित उग्रवादी संगठनों को वित्तीय सहायता पहुंचाने का गंभीर आरोप लगा है. अपनी इस खबर के जरिये हम आपको बता रहे हैं कि एनआईए ने टेरर फंडिंग के केस में जिन सफेदपोश लोगों को आरोपी बनाया है, उन पर क्या-क्या आरोप हैं और चार्जशीट के मुताबिक कोयले के कारोबार से शुरू हुआ ये खेल नक्सलिओं और व्यापारियों के बेजोड़ सांठगांठ तक जा पहुंचा. अपनी खबर के इस अंक में दूसरी चार्जशीट के पहले आरोपी महेश अग्रवाल से जुड़े तथ्यों को प्रकाशित कर रहे हैं.
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ट्रांसपोर्टरों से 200 रुपये प्रति मीट्रिक टन की वसूली की जाती थी
एनआईए के मुताबिक जिस वक़्त यह पूरा प्रकरण हुआ, उस समय महेश अग्रवाल आधुनिक पवार एंड नेचुरल रिसोर्सेस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्ट थे. एनआईए ने उन्हें आईपीसी की धारा 120 B, 201 और 17 UA(P) एवं 17 और 18 CLA एक्ट की धाराओं में आरोपित बनाया है. एनआईए ने जो साक्ष्य इकट्ठा किये हैं, उसके अनुसार महेश अग्रवाल के निर्देश पर कोयला ट्रांसपोर्टरों को कार्यादेशों के विरूद्ध आरटीजीएस मोड के माध्यम से भुगतान किया गया था. मगध आम्रपाली प्रोजेक्ट में व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सुचारू संचालन के लिए प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन टीपीसी संचालकों और ग्राम समिति को भुगतान करने के उद्देश्य से ट्रांसपोर्टरों से 200 रुपये प्रति मीट्रिक टन की वसूली की जाती थी. अपने कोयला व्यापार को बढ़ावा देने के लिए महेश अग्रवाल ने अजय सिंह, आक्रमण और बिंदेश्वर गंझू के साथ सांठगांठ की और इस तरह आतंकवादी गिरोह के लिए धन जुटाने में मदद की.
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लेवी का भुगतान कर रहा था
दस्तावेजी और मौखिक साक्ष्य यह स्थापित करते हैं कि उक्त आरोपी विभिन्न समूहों के सदस्यों, जैसे- ग्राम समिति के सदस्यों, सीसीएल, वेट ब्रिज ऑपरेटरों, टीपीसी सदस्यों जैसे- आक्रमण, बिंदु गंझू और प्रेमविकास उर्फ़ मंटू सिंह को लेवी का भुगतान कर रहा था. अपराध और साजिश के कमीशन में संजय जैन और अजय कुमार उर्फ़ अजय सिंह नाम के व्यक्तियों के साथ शामिल था. एनआईए ने टंडवा थाना में दर्ज प्राथमिकी को टेकओवर करते हुए इस मामले में कांड संख्या RC06/ 2018 दर्ज किया है. इस पूरे मामले की जांच अब भी जारी है.
- अगले अंक में पढ़िए : कैसे सोनू अग्रवाल 10 रुपये के नोट से करता था टेरर फंडिंग का पूरा खेल.