Ranchi: टेरर फंडिंग केस के प्रमुख आरोपी और NIA द्वारा चार्जशीटेड सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल कभी सरकारी बॉडी गार्ड लेकर घूमता था. लेकिन जब टेरर फडिंग केस की परत दर परत खुलने लगी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. पुलिसिया जांच में यह बात भी सामने आई कि सोनू अग्रवाल को गलत तरीके से सरकारी (बॉडीगार्ड) अंगरक्षक दिए गए थे. जिसके बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सोनू अग्रवाल और अरुण कुमार गुप्ता नाम के व्यक्ति को बॉडीगार्ड दिए जाने के मामले में सीआईडी से रिपोर्ट भी मांगी थी. सीआईडी ने पूरे मामले में जांच कर अपनी जो रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को दी थी, उसमें पाया गया था कि सोनू अग्रवाल को रांची पुलिस से दो जबकि हजारीबाग जिले से एक बॉडीगार्ड मिला था.
हैरत की बात यह है कि सरकारी बॉडीगार्ड को सोनू अग्रवाल बिना किसी अनुमति के बंगाल भी ले जाया करता था. सीआईडी ने राज्य के सभी जिलों के एसपी से यह पूछा था कि सोनू अग्रवाल और अरुण कुमार गुप्ता को कौन-कौन से बॉडीगार्ड दिए गए थे. इसके साथ ही यह भी पूछा गया था कि अगर सरकारी बॉडीगार्ड कभी राज्य के बाहर गए तो क्या इसकी इजाजत ली गई थी. सीआईडी की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि बगैर किसी आदेश के सोनू अग्रवाल जिन बॉडीगार्ड को पश्चिम बंगाल ले जाता था. उनसे वह लोगों में भय फैलाने का काम करता था. सोनू अग्रवाल उर्फ अमित अग्रवाल को मिले सरकारी बॉडीगार्ड द्वारा पश्चिम बंगाल में एक महिला के साथ मारपीट की घटना की शिकायत झारखंड पुलिस मुख्यालय में भी की गई थी.
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