Chandwa : प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में पूरे वर्ष हाथियों का उत्पात जारी रहा. हाथियों ने कहीं मकान तोड़े तो कहीं फसलों को बर्बाद किया. इतना ही नहीं हाथियों के हमले से कई लोगों की जान भी चली गयी. वन विभाग के कर्मियों का पहल भी सराहनीय रहा. ग्रामीणों की सूचना पर वे तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और हाथियों को वहां से सुरक्षित जगह पर पहुंचाने का काम किया. वन विभाग ने क्षति का आंकलन कर पीड़ितों को मुआवजा दिलवाने में सहयोग किया. चंदवा प्रखंड में जिस क्षेत्र में हाथी आते हैं, उस गांव में मशाल, मोबिल और टॉर्च का भी वितरण किया. (पढ़ें, बोकारो : हेमंत सरकार के तीन साल पर भाजयुमो ने निकाला आक्रोश मार्च)
भगाने के बाद फिर वापस आ जाते हैं हाथी
हाथियों ने चंदवा प्रखंड के चकला पंचायत क्षेत्र के जंगल को अपना स्थायी आश्रय बना लिया. वन विभाग के कर्मियों ने हाथियों को चकला क्षेत्र से दूर भगाया. लेकिन कुछ दिन के बाद हाथी फिर से वहां पहुंच जाते हैं और जंगल से सटे गांव के फसलों और घरों को नुकसान पहुंचाते हैं.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा: आईईडी की चपेट में आने से एक ग्रामीण की मौत, एक घायल
एक साल में हाथियों ने कई लोगों की ली जान
बता दें कि डुमारो पंचायत के कुरमी टोला में हाथी के हमले से एक युवक की मौत हो गयी थी. आतीत कुजूर फुटबॉल मैच खत्म होने के बाद जीत का जश्न मना रहा था. इसी दौरान हाथियों ने उसपर हमला किया और मौत के घाट उतार दिया था. माल्हन पंचायत के केकराही में भी हाथी के कुचलने से एक महिला की मौत हो गयी थी. इस तरह हाथियों ने एक साल में कई लोगों की जान ले ली. 28 दिसंबर को भी हाथियों ने गांव में आंतक मचाया. हाथियों ने प्रमोद भगत और प्रदीप भगत के घरों को नुकसान पहुंचाया. साथ ही घर में रखे चावल और मक्के को भी हाथी सफा चट कर गये.
इसे भी पढ़ें : हाईटेक होगी झारखंड पुलिस की संचार प्रणाली, खरीदे जायेंगे ‘वेरी हाई प्रिक्वेंसी वायरलेस सिस्टम’
ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाये आरोप
ग्रामीणों ने आपबीती सुनाते हुए वन विभाग पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि पूरे वर्ष गांव में हाथियों का आतंक बरकरार रहा. गांव के लोग हाथियों के उत्पात के कारण साल भर दहशत में रहे. सूचना करने के बाद भी वन विभाग ने हाथियों से बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं की. इस बाबत में चंदवा के वन क्षेत्र पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि हाथियों से हमलोग भी परेशान हैं. जंगल का क्षेत्रफल भी काफी बड़ा है. हाथियों को भगाने के बाद भी वे वापस आ जाते हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल टीम को बुलाकर हाथियों को क्षेत्र से बाहर करवायेंगे.
इसे भी पढ़ें : कांग्रेस को एके एंटनी की सलाह, 2024 में भाजपा को सत्ता से बाहर करना है तो बहुसंख्यक समुदाय को साथ लेना होगा